मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत योगी सरकार ने बुंदेलखंड के 6 कृषि विज्ञान केंद्रों में तैयार कराए मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट

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कृषि विज्ञान केंद्रों में बनकर तैयार हुए श्री अन्न आधारित प्रोसेसिंग प्लांट, मिलेट्स प्रसंस्करण के साथ ही पैकेजिंग और विपणन में भी बनेंगे मददगार

योगी सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों को प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने के लिए दी है आर्थिक मदद

झांसी, ललितपुर, बांदा, महोबा, जालौन और हमीरपुर में बनकर तैयार हुए हैं मिलेटस प्रोसेसिंग प्लांट

मशीनों की खरीद के लिए शुरू हुई प्रक्रिया, नए साल में शुरू हो जाएगा सभी प्रोसेसिंग प्लांट पर काम

लखनऊ

उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत बुन्देलखंड के 6 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकेजिंग सह विपणन केंद्रों के निर्माण का काम फरवरी पूरा कर लिया गया है।प्रोसेसिंग प्लांट के लिए मशीनों की खरीद और इंस्टालेशन का काम जल्द शुरू होगा। विभागीय अफसरों का कहना है कि अगले वर्ष ये सभी प्रोसेसिंग प्लांट शुरू हो जाएंगे, जिससे किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। झांसी, बांदा, ललितपुर, महोबा, जालौन और हमीरपुर ज़िलों में कृषि विभाग ने प्रोसेसिंग प्लांट के निर्माण के लिए आर्थिक मदद प्रदान की है। योगी सरकार ने प्रत्येक मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकेजिंग सह विपणन केंद्र की स्थापना के लिए 95 लाख रुपये प्रदान किए हैं।

इन मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकेजिंग सह विपणन केंद्रों की स्थापना का उद्देश्य श्री अन्न की खेती को बढ़ावा देना, प्रोसेसिंग करना और किसानों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में मदद करना है। सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर प्रोसेसिंग प्लांट के लिए भवन तैयार कर लिया गए है। अब आने वाले समय में इनमें अत्याधुनिक प्रोसेसिंग मशीन को लगाया जाएगा। इनके माध्यम से मोटे अनाज की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग हो सकेगी। बुन्देलखण्ड की जलवायु के अनुकूल मोटे अनाजों को उगाने के लिए किसानों को बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। फसल तैयार हो जाने पर इन केंद्रों पर किसानों के उपज की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की जाएगी।

बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ एन के बाजपेयी ने बताया कि झांसी, ललितपुर, जालौन, महोबा, बांदा और हमीरपुर में श्री अन्न आधारित प्रोसेसिंग प्लांट के लिए भवन निर्माण का काम पूरा हो गया है। अब बहुत जल्द यहां मशीनों की खरीद और इंस्टालेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि अगले वर्ष किसानों को बीज देने और उससे होने वाली उपज को इन केंद्रों में प्रोसेस करने का काम शुरू हो जाएगा।

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