भारत के केंद्रीय बजट 2025 में बिहार को मखाना (Fox nut) के लिए एक नया तोहफा मिला है। बजट में घोषणा की गई है कि बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिससे इस महत्वपूर्ण उत्पाद को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सकेगी। मखाना, जिसे ‘सफेद मेवा’ भी कहा जाता है, बिहार के किसानों के लिए एक प्रमुख कृषि उत्पाद है और यह स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है।
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मखाना बोर्ड का महत्व
मखाना बोर्ड का गठन बिहार के मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम है। बिहार, खासकर उत्तर बिहार के इलाकों में मखाने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। मखाना न केवल बिहार की कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह राज्य के किसानों की आय में भी योगदान करता है। मखाना बोर्ड के बनने से मखाने के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में नई दिशा मिलेगी। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और मखाना उद्योग को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।
मखाना के स्वास्थ्य लाभ

मखाना का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। मखाना को डाइट में शामिल करने से दिल की सेहत में सुधार होता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, मखाना वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है।
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हड्डियों को मजबूत बनाए मखाना
मखाना में कैल्शियम की भी भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। मखाना में एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं, जो त्वचा की सेहत के लिए लाभकारी हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।