UP Assembly Session: यूपी विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी की विधायक डॉ. पल्लवी पटेल को सदन की कार्यवाही का वीडियो बनाने पर कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि ऐसा वीडियो सोशल मीडिया या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने डॉ. पटेल को तुरंत अपने मोबाइल से वीडियो डिलीट करने का निर्देश भी दिया.
स्पीकर ने सदन की गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया
बताते चले कि, सतीश महाना ने सदन में मौजूद सभी विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा की कार्यवाही की गोपनीयता और मर्यादा बनाए रखना सभी का कर्तव्य है. उन्होंने विधायकों से अनुरोध किया कि वे सदन के नियमों का सम्मान करें और ऐसी गतिविधियों से बचें, जो सदन की गरिमा को चोट पहुंचाएं.
डॉ. पल्लवी पटेल ने दी सफाई
सपा की सिराथू से विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने स्पीकर की चेतावनी का जवाब देते हुए कहा कि उनका वीडियो बनाने का कोई गलत इरादा नहीं था। उन्होंने स्पीकर को आश्वासन दिया कि वीडियो को डिलीट कर दिया जाएगा और भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल सदन की कार्यवाही रिकॉर्ड करना था, न कि उसे सार्वजनिक करना.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के नियमों में सख्ती
उत्तर प्रदेश विधानसभा के नियमों के अनुसार, बिना अनुमति के सदन की कार्यवाही का वीडियो या फोटो लेना और उसे सार्वजनिक करना सख्त मना है. यह नियम सदन की गोपनीयता और संसदीय मर्यादा की रक्षा के लिए बनाया गया है। इससे पहले भी कई बार विधायकों को इस प्रकार की गतिविधियों से बचने के लिए चेतावनी दी जा चुकी है.
स्पीकर का सख्त रुख और अनुशासन बनाए रखने की प्रतिबद्धता
आपको बता दे कि, मार्च 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना सदन में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने को लेकर सख्त रुख अपनाते आए हैं. हाल ही में उन्होंने एक विधायक द्वारा विधानसभा में पान मसाला थूकने की घटना पर कड़ी कार्रवाई की थी. इसके अलावा, वे स्वच्छता अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए व्यक्तिगत रूप से सफाई का उदाहरण पेश कर चुके हैं.
विपक्ष ने स्पीकर के रवैये पर उठाए सवाल
इस मामले में सपा और अन्य विपक्षी दलों ने स्पीकर के कड़े रवैये पर सवाल उठाए. सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि स्पीकर को सभी विधायकों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गलती होने पर सुधार का मौका देना जरूरी है, न कि सार्वजनिक रूप से चेतावनी. शिवपाल यादव ने सदन में तकनीक के उपयोग के लिए स्पष्ट नियम बनाए जाने की भी मांग की ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके.
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