UP By-Election 2024: उपचुनाव से पहले सियासी हलचल तेज, सपा ने की 6 उम्मीदवारों की घोषणा

Aanchal Singh

UP By-Election 2024: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आगामी उपचुनाव का ऐलान अभी नहीं हुआ है,लेकिन राजनीतिक सरगर्मी पहले ही चरम पर पहुंच चुकी है. आज समाजवादी पार्टी (SP) ने 10 सीटों में से छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के इस ऐलान के बाद से राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान हैं, खासकर करहल सीट से उम्मीदवार के नाम का ऐलान किए जाने पर.

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किन 6 उम्मीदवारों का किया ऐलान ?

बताते चले कि लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा किसी भी समय हो सकती है. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने इन चुनावों के लिए अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. सपा ने जिन छह उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें तेज प्रताप सिंह यादव को करहल से, नसीम सोलंकी को सीसामऊ से, मुफ्तफा सिद्दीकी को फूलपुर से, अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से, शोभावती वर्मा को कटेहरी से और ज्योति बिंद को मझंवा से टिकट दिया गया है.

कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी

वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस अभी भी पांच सीटों पर अपने दावे के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा में है. लेकिन सपा द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस (Congress) की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. सपा के इस ऐलान के बाद कांग्रेस को उसकी डिमांड के अनुसार पांच सीटें मिलने की संभावना कम होती दिख रही है. सूत्रों के अनुसार, सपा कांग्रेस को केवल एक या दो सीटें देने पर विचार कर रही है, हालांकि अभी तक गठबंधन की पूरी तस्वीर साफ नहीं हुई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर किस तरह की सहमति बनती है.

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BJP और Congress के लिए चुनौती

इस उपचुनाव का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये चुनाव आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए एक दिशा तय कर सकते हैं. सपा का यह फैसला न केवल कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, बल्कि भाजपा और अन्य दलों के लिए भी एक संदेश है कि सपा किसी भी चुनावी समीकरण को हल्के में नहीं लेना चाहती. सपा ने यह कदम उठाकर यह भी संकेत दिया है कि वह अपनी पकड़ को मजबूत करने और सत्ता में वापसी के लिए तैयार है। अब यह देखना बाकी है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस राजनीतिक माहौल में अपनी रणनीतियों को कैसे आकार देते हैं.

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