UP Cabinet Meeting: उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022’ में दूसरा संशोधन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर किया गया। संशोधित नीति के तहत अब डेयरी उद्योग को ‘उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023’ के समान सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
डेयरी इकाइयों को कुल लागत का 35% तक मिलेगा अनुदान

नई नीति के तहत प्रदेश में दुग्धशाला की स्थापना करने पर कुल लागत का 35 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान अधिकतम पांच करोड़ रुपये तक सीमित रहेगा। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने जानकारी दी कि अब पूंजीगत अनुदान व ब्याज उपादान से जुड़े पुराने प्रावधानों की जगह सीधे लागत आधारित सहायता दी जाएगी।
पशु आहार, डेयरी प्लांट और कोल्ड चेन इकाइयों को भी मिलेगा लाभ
आपको बता दे कि, नई व्यवस्था के तहत पशु आहार एवं पोषण निर्माण इकाइयों की स्थापना पर भी लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम पांच करोड़ रुपये) का अनुदान मिलेगा। वहीं, डेयरी प्लांट के आधुनिकीकरण के लिए लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम ढाई करोड़ रुपये) तथा फील्ड में ट्रेसेबिलिटी व क्वालिटी कंट्रोल से जुड़ी मशीनों पर एक करोड़ रुपये तक की सहायता दी जाएगी।
कोल्ड चेन और सूक्ष्म उद्यमों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन
रेफ्रिजरेटेड वैन, बल्क मिल्क कूलर, आइसक्रीम ट्रॉली, डीप फ्रीजर और अन्य कोल्ड चेन सिस्टम की स्थापना पर भी 35 प्रतिशत (अधिकतम एक करोड़ रुपये) का अनुदान मिलेगा। पशु आहार उत्पादन इकाइयों के विस्तार पर दो करोड़ रुपये तक की सहायता निर्धारित की गई है। वहीं, सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र में मूल्य संवर्धित दुग्ध उत्पादों के लिए खरीदी गई प्लांट मशीनरी पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रुपये) तक पूंजीगत अनुदान प्रदान किया जाएगा।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर महिलाओं को 90% तक मिलेगा अनुदान
नई नीति में सौर ऊर्जा आधारित बिजली आपूर्ति को भी बढ़ावा दिया गया है। 75 केवीएस तक की सौर परियोजनाओं पर कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जबकि यदि आवेदक महिला हो, तो यह अनुदान 90 प्रतिशत तक हो सकता है। इससे ऊर्जा लागत में भारी कटौती संभव होगी।
पुरानी परियोजनाओं पर लागू होंगे पूर्व प्रावधान

संशोधित नीति के लागू होने से पहले ऑनलाइन पोर्टल पर प्राप्त और पूर्ण परियोजना प्रस्तावों पर पुराने नियम ही लागू होंगे। मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस नीति में बदलाव से डेयरी उद्योग में निजी निवेश को मजबूती मिलेगी और नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

