UP DGP: राजीव कृष्णा बने उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी, 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़कर मिला अहम पद

Aanchal Singh
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UP DGP: उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को प्रदेश का नया डीजीपी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को पीछे छोड़कर की गई है। राजीव कृष्णा फिलहाल उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और डायरेक्टर विजिलेंस के पदों पर कार्यरत थे। निवर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिलने के कारण सरकार ने देर शाम राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा की।

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राजीव कृष्णा का परिचय और उपलब्धियां

गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी राजीव कृष्णा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियर हैं। उन्हें दो बार राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड मिल चुका है, जो उनकी बहुमूल्य सेवाओं का प्रमाण है। उनकी सेवा में अभी चार वर्ष और एक माह शेष हैं, इसलिए वे लंबे समय तक प्रदेश के डीजीपी रह सकते हैं।

पुलिस भर्ती परीक्षा की सफलता और काबिलियत की पहचान

राज्य में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों की सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद सरकार ने भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी राजीव कृष्णा को सौंपी थी। उन्होंने परीक्षा को सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराया। उनकी इस सफलता और काबिलियत को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें प्रदेश का पुलिस प्रमुख नियुक्त किया।

विभिन्न जिलों में किया नेतृत्व

राजीव कृष्णा ने लखनऊ, मथुरा, इटावा, आगरा, नोएडा सहित कई जिलों के पुलिस कप्तान के रूप में कार्य किया है। इटावा में तैनाती के दौरान उन्होंने दस्युओं के गिरोह का सफाया किया। इसके अलावा वे लखनऊ के एडीजी जोन भी रह चुके हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स में आईजी ऑपरेशन के पद पर भी तैनात रहे। यूपी में एटीएस के गठन में भी उनका अहम योगदान रहा।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

राजीव कृष्णा की पत्नी मीनाक्षी सिंह वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी हैं और लखनऊ स्थित आयकर विभाग के मुख्यालय में तैनात हैं। उनका परिवार भी प्रशासनिक सेवा में सक्रिय है।

वरिष्ठ अधिकारियों की सूची

नियुक्ति के साथ ही वर्ष 1989 बैच के शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा तथा वर्ष 1990 बैच के संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्य, एमके बशाल, तिलोत्तमा वर्मा और वर्ष 1991 बैच के आलोक शर्मा व पीयूष आनंद जैसे वरिष्ठ आईपीएस अफसर पीछे रह गए।

डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार की चर्चा और औपचारिक घोषणा

शनिवार को पूरे दिन प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार की चर्चा होती रही। प्रशांत कुमार द्वारा देर शाम तक डीजीपी पद का कार्यभार नहीं छोड़ने से अटकलें तेज हो गईं। हालांकि रात करीब आठ बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद राजीव कृष्णा को डीजीपी नियुक्त करने की घोषणा कर दी गई। इसके बाद प्रशांत कुमार, राजीव कृष्णा और गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री से भेंट कर पुलिस विभाग की कॉफी टेबल बुक भेंट की।

इस प्रकार, यूपी पुलिस में नया नेतृत्व संभालते हुए राजीव कृष्णा प्रदेश की कानून व्यवस्था को और मजबूत करने की उम्मीद रखते हैं। उनकी नियुक्ति से पुलिस विभाग में नए उत्साह और दक्षता की आशा जताई जा रही है।

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