यूपी सरकार ने पूर्व पीएम Manmohan Singh के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया, सभी सरकारी कार्यक्रम होंगे स्थगित

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का लंबी बीमारी के बाद बीती रात निधन हो गया। 92 वर्ष की आयु में उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। डॉ. सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

Aanchal Singh
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Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के निधन पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राज्य भर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए जाएंगे। यह शोक 26 जनवरी से लेकर 1 जनवरी तक रहेगा। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री का निधन गुरुवार रात दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में हुआ था। उनका अंतिम संस्कार रविवार को होने की संभावना जताई जा रही है।

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मनमोहन सिंह का योगदान और राजनीतिक यात्रा

मनमोहन सिंह का योगदान और राजनीतिक यात्रा

मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) एक प्रखर अर्थशास्त्री और उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ थे। उनका नाम भारतीय अर्थव्यवस्था के बड़े सुधारों में लिया जाता है। 1991 में जब वे भारत के वित्त मंत्री बने, तो उन्होंने वैश्विक उदारीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए और देश की आर्थिक नीति में क्रांतिकारी बदलाव किए। इन्हीं प्रयासों के कारण उन्हें वैश्विक उदारीकरण का जनक भी माना जाता है। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

गुरुवार को शाम 8 बजे उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9:51 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर मिलते ही केंद्र सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी राज्य स्तर पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।

मनमोहन सिंह की काबिलियत और उपलब्धियां

मनमोहन सिंह की काबिलियत और उपलब्धियां

आपको बता दे कि मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का योगदान सिर्फ प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि उनकी अर्थशास्त्री के तौर पर सेवाओं में भी उल्लेखनीय रहा। वे वाणिज्य और वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के पद पर भी रहे और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर भी रह चुके थे। इसके अलावा, उन्होंने योजना आयोग के उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

1991 में, जब भारत में आर्थिक संकट गहरा था, तब प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार ने उन्हें वित्त मंत्रालय सौंपा। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इन सुधारों के परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी और वैश्विक मंच पर भारत का स्थान मजबूत हुआ। यही कारण है कि मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का एक स्तंभ माना जाता है।

राजकीय शोक और सम्मान

राजकीय शोक और सम्मान

मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राज्य सरकार ने सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान सभी सरकारी कार्यों में शोक की लहर रहेगी और सरकारी संस्थानों में मनोरंजन संबंधित गतिविधियों को रद्द कर दिया जाएगा। राजकीय शोक के दौरान प्रदेश भर में मनमोहन सिंह के योगदान को याद किया जाएगा और उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों को सलाम किया जाएगा। उनके निधन से भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति हुई है, जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा।

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