UP New Excise Policy 2025-26: शराब कारोबार को मिलेगी नई दिशा, 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए अपनी नई आबकारी नीति पेश की है, जिसका प्रमुख उद्देश्य शराब कारोबार को सशक्त बनाते हुए 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करना है।

Aanchal Singh
UP New Excise Policy

UP New Excise Policy 2025-26: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए अपनी नई आबकारी नीति जारी कर दी है, जिसका मुख्य उद्देश्य शराब उद्योग को और मजबूत बनाते हुए 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाना है। यह नीति व्यापारियों और खरीददारों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होने वाली है, क्योंकि इसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं।

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ई-लॉटरी, दुकानों का आवंटन और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की नई प्रक्रिया

ई-लॉटरी, दुकानों का आवंटन और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की नई प्रक्रिया

गौतमबुद्ध नगर के आबकारी विभाग के अधिकारी सुबोध कुमार ने इस नई नीति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार शराब की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी। एक व्यक्ति राज्य भर में अधिकतम दो दुकानों का मालिक बन सकेगा, लेकिन वह सभी दुकानों के लिए आवेदन कर सकता है। नई नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि अब केवल सफल आवेदकों से ही फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या बैंक गारंटी (BG) ली जाएगी, जिससे आवेदन प्रक्रिया सरल होगी और ज्यादा लोग इसमे भाग ले सकेंगे।

सुबोध कुमार ने बताया कि अगला वित्तीय वर्ष 2026-27 से दुकानों को दो साल के लिए नवीनीकरण की सुविधा दी जाएगी, जिससे व्यापारियों को लंबे समय तक कारोबार करने में मदद मिलेगी। इस कदम से आर्थिक स्थिरता भी बनी रहेगी।

नई श्रेणियां और विदेशी शराब की बिक्री में बदलाव

नई श्रेणियां और विदेशी शराब की बिक्री में बदलाव

सरकार ने 28% वी/वी तीव्रता वाली अनाज-आधारित यूपी निर्मित शराब (UPML) की एक नई श्रेणी शुरू की है। इसके साथ ही, अब विदेशी शराब और बीयर की अलग-अलग दुकानों की जगह कंपोजिट दुकानें बनाई जाएंगी। इससे दुकानों की संख्या बढ़ाए बिना ही बिक्री को बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही, देशी शराब को अब केवल टेट्रा पैक में ही बेचा जाएगा, जिससे मिलावट और अवैध बिक्री पर रोक लगाई जा सकेगी।

वहीं, विदेशी शराब (IMFL) के रेगुलर श्रेणी में अब 90ml की नई बोतल उपलब्ध होगी। इसके अलावा, वाइन और लो-अल्कोहलिक बार (LAB) में अब बीयर की तरह कैन में भी उत्पाद बेचे जा सकेंगे।

मॉडल शॉप और प्रीमियम दुकानों की नई शुरुआत

नई नीति के तहत, जिन कंपोजिट दुकानों का क्षेत्रफल 400 वर्ग फीट या अधिक है, वे मॉडल शॉप में बदली जा सकती हैं, जहां ग्राहक बैठकर शराब का सेवन कर सकेंगे। नोएडा और नगर निगम क्षेत्रों में कम से कम 3,000 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाली दो मॉडल शॉप को प्रीमियम मॉडल शॉप के रूप में बदलने की योजना है। इन प्रीमियम मॉडल शॉप को वर्ष 2027-28 तक नवीनीकरण की अनुमति भी होगी।

लो-अल्कोहलिक बार (LAB) और नए क्षेत्रों में विस्तार

लो-अल्कोहलिक बार (LAB) और नए क्षेत्रों में विस्तार

अब उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में लो-अल्कोहलिक बार (LAB) खोले जाएंगे, जहां केवल बीयर और वाइन परोसी जाएगी। इसके अलावा, इन शहरों में लो-अल्कोहलिक प्रीमियम रिटेल वेंड (LA-PRV) की भी शुरुआत की जाएगी। इन स्थानों पर सिर्फ बीयर और वाइन की बिक्री की जाएगी।

इसके साथ ही, प्रदेश के विकास प्राधिकरण और औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले आईटी और आईटीईएस परिसरों में अब बार और पीआरवी खोलने की अनुमति दी गई है, जिससे इन क्षेत्रों में भी शराब बिक्री की संभावना बढ़ेगी।

व्यापारियों के लिए नए अवसर

उत्तर प्रदेश की नई आबकारी नीति ने शराब व्यापारियों के लिए नए अवसर खोले हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। सरकार ने शराब कारोबार को पेशेवर तरीके से चलाने के लिए कई स्मार्ट बदलाव किए हैं, जिनसे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि अवैध कारोबार पर भी लगाम लगेगी। अब यह देखना होगा कि इन बदलावों का बाजार पर कितना असर पड़ता है और इनसे राजस्व के आंकड़े किस हद तक प्रभावित होते हैं।

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