UP News: दीपावली जैसे त्योहार पर जहां लोग मिठाइयों का स्वाद लेना पसंद करते हैं, वहीं मिलावटखोरों ने मिठाई को जहर बना दिया है। बाजार में खपाने के लिए नकली और प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों से तैयार मिठाइयां सप्लाई की जा रही हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां छेना के नाम पर जहरीले पदार्थों से बनी मिठाई तैयार की जा रही थी।
Read More: UP Weather: उत्तर प्रदेश में धूप के साथ बढ़ेगी ठंडक, तापमान रहेगा सामान्य से थोड़ा कम
18 क्विंटल नकली छेना जब्त
बताते चले कि, मंगलवार को छिबरामऊ के एसडीएम ज्ञानेंद्र कुमार द्विवेदी और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गुरसहायगंज कस्बे के मोहल्ला रामकृष्ण नगर स्थित एक मिठाई फैक्ट्री पर छापा मारा। फैक्ट्री में छेना के नाम पर तैयार किया जा रहा 18 क्विंटल नकली माल जब्त किया गया, जिसकी बाजार में अनुमानित कीमत 2,28,000 रुपये है।
सूजी, मिल्क पाउडर और रिफाइंड तेल से बनाया जा रहा था ‘छेना’
टीम को मौके से 446 किलो सूजी, 34 किलो स्कीम्ड मिल्क पाउडर, 210 लीटर रिफाइंड पामोलिन तेल और हाइड्रो (Hydro) बरामद हुआ। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि छेना सामान्यतः शुद्ध दूध से तैयार किया जाता है, लेकिन इस फैक्ट्री में मिल्क पाउडर, सूजी और रिफाइंड तेल का मिश्रण कर छेना बनाया जा रहा था। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि हाइड्रो जैसे रसायन को मिठाइयों में मिलाना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। वहीं, सीएमओ डॉ. स्वदेश गुप्ता ने चेताया कि हाइड्रो का सेवन लिवर और पेट की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसकी अधिक मात्रा जानलेवा साबित हो सकती है।
गड्ढा खोदकर नष्ट किया गया नकली छेना

टीम ने जब्त नकली छेना को मौके पर ही गड्ढा खोदकर नष्ट करवा दिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरविंद कुमार साहू ने जानकारी दी कि छेना सहित सभी जब्त सामग्री के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नकली मिठाई बेचने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने कहा है कि त्योहारों के मौके पर अगर कोई भी व्यक्ति या संस्था नकली मिठाई या अन्य मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। दीपावली जैसे पर्व पर मिठाइयों में मिलावट का यह मामला न सिर्फ उपभोक्ताओं की सेहत के लिए खतरा है, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में जरूरी है कि आम जनता सजग रहे और मिठाई खरीदते समय गुणवत्ता की जांच अवश्य करें।
