UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां के खेरागढ़ थाना क्षेत्र में दशहरा के मौके पर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक दुखद घटना घटी। दरअसल, कुसियापुर गांव के डूंगरवाला क्षेत्र में स्थित उंटगन नदी में विसर्जन के बाद नहाने उतरे 11 युवक तेज बहाव और गहरे पानी में डूब गए। हादसा दोपहर 1 से 2:30 बजे के बीच की है, इससे पूरे इलाके में शोक फैल गया है और परिवार वालों के बीच कोहराम मच गया।
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दुर्गा विसर्जन के दौरान नदी में डूबने की घटना
कुसियापुर गांव के चामुंडा माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान स्थापित दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए करीब 40 से 50 लोग नदी के किनारे पहुंचे थे। इनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। महिलाएं और बच्चे किनारे रुके रहे, जबकि कुछ युवक प्रतिमा लेकर नदी के गहरे हिस्से में चले गए। विसर्जन के बाद ये युवक नदी में नहाने लगे। इसी दौरान अचानक पैर फिसला और तेज बहाव में 11 युवक बह गए।
ग्रामीणों ने बताया कि नदी के उस हिस्से में चेक डैम के पास पानी का स्तर अचानक बढ़ गया था, जिससे कोई भी पूर्व चेतावनी नहीं मिल पाई। यह हादसा इलाके के लिए बेहद दुखद साबित हुआ।
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रेस्क्यू ऑपरेशन और बचाव कार्य
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने बचाव का प्रयास शुरू किया। थाना प्रभारी मदन सिंह और उनकी टीम ने नदी में कूदकर एक युवक को बाहर निकाला। एसएसआई बिजेंद्र सिंह भी तैराकी की मदद से बचाव में लगे। साथ ही एसडीआरएफ, पीएसी, आगरा और इटावा की गोताखोर टीमें भी मौके पर पहुंचीं और रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा।
अब तक चार युवकों को नदी से बाहर निकाला गया है, जिनमें से तीन को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है और एक गंभीर रूप से घायल है जिसका इलाज चल रहा है। वहीं, सात युवकों की तलाश अभी भी जारी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने बताया कि दोपहर में सात-आठ लोगों के डूबने की सूचना मिली थी। गोताखोर टीम लगातार सभी प्रयास कर रही है ताकि बाकी लापता युवकों को भी सुरक्षित निकाला जा सके। प्रशासन पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है और बचाव कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
हादसे ने बदला दुर्गा विसर्जन का माहौल
यह हादसा दुर्गा विसर्जन के पारंपरिक जश्न को मातम में बदल गया। परिवारों में गम छा गया और पूरे गांव में सन्नाटा फैल गया। स्थानीय लोग और प्रशासन अब आगे से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहने का संकल्प लेकर नदी के किनारे सुरक्षा उपाय बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।
यह घटना न केवल आगरा बल्कि पूरे यूपी के लिए एक चेतावनी है कि प्राकृतिक जल स्रोतों में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है, खासकर त्योहारों के दौरान जब नदी किनारे बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
