UP News: तौकीर रजा के ‘दिल्ली घेराव’ बयान पर Devkinandan का कड़ा विरोध, सनातन धर्म बोर्ड की मांग…देखिए क्या कहा?

देवकीनंदन ठाकुर ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने मांग की कि सरकार वक्फ बोर्ड की तरह ही हिंदू धर्म बोर्ड की स्थापना करे।

Akanksha Dikshit
Devkinandan Thakur

UP News: इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष तौकीर रजा के ‘दिल्ली घेराव’ बयान के बाद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय दिल्ली को बचाने का है और सनातनियों को एकजुट होकर देश की रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने हिंदू धर्म बोर्ड की स्थापना, गोरक्षा, और मंदिरों के संचालन को लेकर भी गंभीर मांगें रखीं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले देवकीनंदन: ‘हिंदू धर्म बोर्ड की हो स्थापना’

देवकीनंदन ठाकुर ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने मांग की कि सरकार वक्फ बोर्ड की तरह ही हिंदू धर्म बोर्ड की स्थापना करे। उनका कहना था कि जब देश में 1947 में वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी, तो उसी समय हिंदू धर्म बोर्ड का गठन भी किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “मंदिरों के संचालन में जो लोग लगे हुए हैं, उनमें से कुछ देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखते। यह धार्मिक विश्वास के साथ अन्याय है। मंदिरों का नेतृत्व उन लोगों के हाथ में होना चाहिए जो धर्म का आदर करते हैं।”

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मंदिर के पुजारियों को भी मिले 15 हजार का भत्ता

देवकीनंदन ने सरकार से यह मांग भी की कि जैसे मस्जिदों में मौलवियों को 15 हजार रुपए का मासिक भत्ता दिया जाता है, वैसे ही मंदिरों के पुजारियों को भी आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 16 नवंबर को दिल्ली में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया है, जहां वे हिंदू धर्म बोर्ड की मांग को प्रमुखता से उठाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

मंदिरों की संपत्ति का हो सही उपयोग

देवकीनंदन ठाकुर ने सरकार द्वारा मंदिरों की संपत्ति का सही उपयोग न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंदिरों में जो करोड़ों का चढ़ावा आता है, उसका प्रयोग समाज की भलाई में होना चाहिए, न कि सरकार द्वारा अपनी मर्जी से खर्च किया जाना चाहिए। “हमारी आस्था का सवाल है। मंदिरों की संपत्ति धर्म के उद्देश्यों में लगाई जानी चाहिए, न कि इसे सरकारी कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए,” उन्होंने कहा।

गोरक्षा और कृष्ण जन्मभूमि मुद्दे को भी उठाया

देवकीनंदन ठाकुर ने गोरक्षा के मुद्दे पर भी सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गोरक्षा सनातन धर्म का एक प्रमुख हिस्सा है और इसे सरकार को संवैधानिक रूप से सुनिश्चित करना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने कृष्ण जन्मभूमि जैसे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी आवाज उठाई।

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दिल्ली घेराव बयान पर जताई सख्त नाराजगी

तौकीर रजा द्वारा जयपुर में मुसलमानों से दिल्ली घेरने का आह्वान करने पर देवकीनंदन ठाकुर ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।” उनका मानना है कि इस तरह के बयानों से देश की अखंडता और सुरक्षा को खतरा है और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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देवकीनंदन का संदेश: ‘यह समय एकजुट होने का है’

देवकीनंदन ने कहा कि 100 करोड़ सनातनियों को अपने धर्म, संस्कृति और देश की रक्षा के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अगर हम अब नहीं जागे, तो आगे बहुत देर हो जाएगी। हमें देश की अखंडता और सनातन धर्म की गरिमा के लिए संगठित होना होगा।” उनके इस आह्वान से एक बार फिर हिंदू धर्म बोर्ड और धार्मिक स्थलों के मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। सवाल यह उठता है कि क्या सरकार उनकी इन मांगों पर गौर करेगी और क्या सनातनी समाज इसके लिए एकजुट होकर कोई निर्णायक कदम उठाएगा।

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