UP News: यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बीते दिन यानी 8 अक्टूबर को वाराणसी में आयोजित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में महिलाओं के खिलाफ हो रही बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे तत्व सक्रिय हैं जो युवतियों का शोषण करने की कोशिश करते हैं, इसलिए बेटियों को अपने जीवन से जुड़े फैसले सोच-समझकर लेने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आज के समय में बेटियों को आत्मनिर्भर बनना और अपने अधिकारों के साथ-साथ अपनी सुरक्षा के प्रति भी जागरूक रहना आवश्यक है।
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लिव-इन रिलेशनशिप से दूर रहने की सलाह
राज्यपाल पटेल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए विशेष रूप से लिव-इन रिलेशनशिप के खतरों पर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि युवतियों को ऐसी परिस्थितियों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि अक्सर इस तरह के संबंधों में शोषण और हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती हैं। उन्होंने कहा, “बेटियों को अपने निर्णय सोच-समझकर लेने चाहिए। वे लिव-इन रिलेशनशिप जैसी परिस्थितियों से दूर रहें और समाज में ऐसे लोगों से सावधान रहें जो उनका गलत फायदा उठा सकते हैं।”
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पर्यावरण पर जताई चिंता
अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय असंतुलन पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है। इस दिशा में बचाव और जनहानि को कम करने के लिए अनुसंधान एवं शोध कार्यों की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने अध्ययन और शोध को समाज और पर्यावरण के हित में उपयोग करें।
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प्राकृतिक संसाधनों के संतुलन पर जोर

राज्यपाल ने किसानों और युवाओं से जैविक कृषि को अपनाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता घट रही है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए पर्यावरण की रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के संतुलन के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना समय की मांग है।
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हजारों विद्यार्थियों को उपाधियां
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह में कुल 55,642 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधियाँ प्रदान कीं, जिनमें 34,252 छात्राएँ और 21,387 छात्र शामिल थे। इसके अलावा, 15,321 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्रियाँ दी गईं, जिनमें समान संख्या में छात्र और छात्राएँ शामिल थे। समारोह में 178 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि और 101 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
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युवाओं से समाज निर्माण की अपील
अंत में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई, महिला सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और नैतिक मूल्यों के संवर्धन में करें।
