UP News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी अलग पहचान बना ली है। यूनेस्को ने इसे ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ घोषित किया है। यह सम्मान ऐसे शहरों को दिया जाता है जो अपनी खानपान परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और नवाचार के माध्यम से दुनिया को प्रेरित करते हैं। यह घोषणा यूनेस्को की 43वीं जनरल कॉन्फ्रेंस में ‘वर्ल्ड सिटीज डे’ के अवसर पर की गई।
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लखनऊ की सांस्कृतिक और पाक कला
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि लखनऊ को यह वैश्विक सम्मान मिलने का मतलब है कि शहर की समृद्ध खानपान परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश सरकार के ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ विजन को साकार करने का प्रमाण है और पर्यटन क्षेत्र की बढ़ती ताकत का परिचायक है।
यूनेस्को में नामांकन की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने लखनऊ का नामांकन 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा था। इसके बाद विस्तृत समीक्षा की गई और 3 मार्च 2025 को अंतिम डॉसियर यूनेस्को को प्रस्तुत किया गया। 31 अक्टूबर को आयोजित यूनेस्को की कॉन्फ्रेंस में लखनऊ को औपचारिक रूप से ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ नेटवर्क में शामिल किया गया।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि अब इस नेटवर्क में दुनियाभर के 70 शहर शामिल हैं, और इस वर्ष आठ नए शहरों को स्थान मिला है। लखनऊ का चयन उसकी व्यंजन परंपरा, पाक कला धरोहर और सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने वाला कदम है।
पर्यटन में बढ़ोतरी और सांस्कृतिक प्रभाव
2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए थे। वहीं, 2025 के पहले छह महीनों में ही 70.20 लाख पर्यटक शहर का दौरा कर चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि खानपान और संस्कृति उत्तर प्रदेश में पर्यटन वृद्धि का प्रमुख आधार बन चुके हैं। लखनऊ के स्वाद और खानपान की विरासत अब अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित कर रही है।
विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा कि लखनऊ अब उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है जो खानपान को सांस्कृतिक संवाद और सतत विकास के माध्यम के रूप में उपयोग कर रहे हैं। आने वाले समय में पर्यटन विभाग इस वैश्विक पहचान को मजबूत करने के लिए कई नई पहल करेगा।
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अवधी व्यंजन और नवाबी संस्कृति का वैश्विक मंच
लखनऊ की यह उपलब्धि उसकी अवधी व्यंजन परंपरा, नवाबी खानपान संस्कृति और भोजन की विविधता का जीवंत प्रमाण है। यूनेस्को की यह मान्यता न केवल शहर के लिए गौरव का अवसर है, बल्कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने और लखनऊ को विश्व स्तर पर खानपान की राजधानी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी।
उत्तर प्रदेश की सरकार इस वैश्विक सम्मान का लाभ उठाकर नए पर्यटन पैकेज, खाद्य महोत्सव और सांस्कृतिक इवेंट्स आयोजित करेगी, जिससे लखनऊ का नाम और भी चमकेगा।


