UP News: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में सोमवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की गाड़ी एक गाय से टकरा गई। यह हादसा फेफना-रसड़ा मार्ग पर उस समय हुआ जब मंत्री अपने काफिले के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। राहत की बात रही कि गाड़ी में सवार सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को भी चोट नहीं आई।
मंत्री कार्यक्रम में जा रहे थे शामिल होने
जानकारी के अनुसार, मंत्री संजय निषाद जिला मुख्यालय से रसड़ा कस्बे की ओर जा रहे थे। यहां निषाद पार्टी के एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें उन्हें बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था। दोपहर लगभग 3 बजे जैसे ही उनकी कार फेफना-रसड़ा मार्ग पर पहुंची, अचानक सड़क पर आई एक गाय से वाहन टकरा गया। हादसे के दौरान मंत्री सहित उनके साथ मौजूद चार लोग कार में सवार थे।
पहुंची मौके पर पुलिस
रसड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली, पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। गनीमत रही कि दुर्घटना में न तो वाहन सवार किसी व्यक्ति को चोट आई और न ही किसी बड़े नुकसान की खबर मिली। आवश्यक औपचारिकताओं के बाद पुलिस ने मंत्री के काफिले को आगे रवाना कर दिया।
लगातार पूछ रहे हालचाल
हादसे की खबर फैलते ही स्थानीय लोगों और समर्थकों में चिंता का माहौल बन गया। संजय निषाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में निषाद समाज के बीच खासे लोकप्रिय माने जाते हैं। यही कारण है कि जैसे ही हादसे की जानकारी समर्थकों तक पहुंची, उन्होंने फोन और संदेशों के माध्यम से लगातार उनके कुशलक्षेम की जानकारी लेनी शुरू कर दी। पार्टी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों ने राहत की सांस ली जब पता चला कि मंत्री पूरी तरह सुरक्षित हैं।
गठबंधन सरकार में अहम भूमिका निभाते हैं संजय निषाद
गौरतलब है कि संजय निषाद उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उनकी पार्टी निषाद पार्टी पूर्वांचल में मजबूत पकड़ रखती है और निषाद समाज के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है। प्रदेश की राजनीति में उनकी पार्टी की भूमिका अहम है, यही कारण है कि यह हादसा चर्चा का विषय बन गया।
सड़कों पर पशुओं की समस्या फिर आई सामने
हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश में सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को उजागर कर दिया है। आए दिन वाहन चालक इन घटनाओं का शिकार बनते रहते हैं। प्रदेश सरकार कई बार दावा कर चुकी है कि आवारा पशु सड़कों से हटाए जा चुके हैं, मगर वास्तविकता अलग ही तस्वीर पेश करती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरकार के मंत्री ही इस समस्या से अछूते नहीं हैं, तो आम जनता किस तरह सुरक्षित रह सकती है। हादसे के बाद लोगों ने प्रशासन से सवाल उठाते हुए व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई।
