Hamirpur News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक दिलचस्प और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक लेब्राडोर कुत्ते को लेकर दो व्यक्तियों के बीच मालिकाना हक का विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। विवाद की गंभीरता को देखते हुए कुत्ते को अस्थायी रूप से पुलिस हिरासत में रखा गया। दोनों पक्षों से कुत्ते के पालन-पोषण और मालिकाना हक साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण मांगे गए।
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थाने में बच्चों का दर्द
कुत्ते के मालिक होने का दावा करने वाले एक पक्ष के बच्चों ने अपने पालतू कुत्ते ‘शेरु’ के लिए थाने में रो-रोकर गुहार लगाई। बच्चों की मासूम भावनाओं ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों का दिल पसीजा दिया। पुलिसकर्मियों ने बच्चों को शांत करते हुए मामले की जांच शुरू की।
दोनों पक्षों के दावे
कुंडौरा गांव के किसान श्रीपत कुशवाहा की बेटी सेजल ने पुलिस को शिकायत दी कि उनके लेब्राडोर कुत्ते को सुमेरपुर के निवासी घनश्याम ने घर से ले गया। दूसरी ओर, घनश्याम ने दावा किया कि उनका पालतू कुत्ता करीब पंद्रह दिन पहले लापता हो गया था और उन्हें पता चला कि वह कुंडौरा गांव में है। उन्होंने जाकर देखा कि कुत्ता श्रीपत कुशवाहा के घर पर बंधा हुआ था, जिसे वह अपने साथ ले आए।
कुत्ते का नाम और उलझन
मामले को और पेचीदा बनाने के लिए दोनों पक्षों ने कुत्ते को अलग-अलग नामों से पुकारा। जब घनश्याम ने उसे ‘भूरा’ कहा, तो कुत्ता उनके पास दौड़कर गया। वहीं, सेजल ने उसे ‘शेरु’ कहा, तो वह उनकी ओर भी पूंछ हिलाते हुए गया। इस दुविधा ने यह संदेह और बढ़ा दिया कि कुत्ता किसका है।
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पुलिस की जांच
आपको बता दें कि, पुलिस ने दोनों पक्षों से कुत्ते के पालन-पोषण संबंधी सबूत मांगे। श्रीपत कुशवाहा ने पशु चिकित्सक से जारी उपचार के रिकॉर्ड प्रस्तुत करने की बात कही। पुलिस ने डॉक्टर को थाने बुलाया ताकि वे कुत्ते के वास्तविक मालिक की पुष्टि कर सकें। घनश्याम से भी अन्य प्रमाण मांगे गए।
असली मालिक की पहचान
जांच के दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों के दावे और प्रस्तुत सबूतों की गहन समीक्षा की। इस प्रक्रिया के बाद यह स्पष्ट हुआ कि कुत्ते का असली मालिक घनश्याम हैं। इसके बाद पुलिस ने कुत्ते को घनश्याम को सौंप दिया, जिससे विवाद समाप्त हो गया।
