UP News: रायबरेली दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (11 सितंबर) को जनता दरबार लगाया। यहां उन्होंने स्थानीय नागरिकों की समस्याओं को सुना और निवारण का भरोसा दिया। इसके बाद वे केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने वाली दिशा (DISHA) समिति की बैठक में शामिल हुए।
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बैठक में मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद
आपको बता दे कि, इस बैठक में यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, अमेठी सांसद केएल शर्मा सहिता कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए. हालांकि ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडेय ने बैठक का बहिष्कार किया और उपस्थित नहीं हुए.
बैठक के दौरान माहौल उस समय बदल गया जब राहुल गांधी ने खुद को दिशा समिति का अध्यक्ष बताते हुए कहा कि “जो भी चर्चा होनी है, उनसे पूछकर ही होनी चाहिए।” इस टिप्पणी पर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह नाराज़ हो उठे और विरोध दर्ज कराया.
दिनेश प्रताप सिंह का तीखा जवाब
दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी को सीधे संबोधित करते हुए कहा, “जब आप लोकसभा में स्पीकर का कहना नहीं मानते हैं तो मैं यहां आपका कहना मानने के लिए बाध्य नहीं हूं.” इस बयान के बाद बैठक का माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया और दोनों नेताओं के बीच नोकझोंक बढ़ गई.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
आपको बता दे कि, बैठक के दौरान हुई यह बहस कैमरे में कैद हो गई. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी ‘तू-तू मैं-मैं’ हो रही है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है.
कभी गांधी परिवार के करीबी थे दिनेश प्रताप सिंह
गौरतलब है कि दिनेश प्रताप सिंह कभी कांग्रेस और गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे. लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली और सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। आज वे यूपी सरकार में मंत्री हैं और कांग्रेस के कट्टर विरोधी नेताओं में गिने जाते हैं.
गाइडलाइन पर अड़े मंत्री
बहस के बाद मीडिया से बातचीत में दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी बैठक को दिशा समिति की गाइडलाइन से बाहर ले जाना चाहते थे. उन्होंने बताया, “मैंने राहुल गांधी से कहा कि गाइडलाइन के अनुसार बैठक समिति के दायरे के अंदर ही होनी चाहिए। लेकिन वे अध्यक्ष होने का हवाला देकर नियमों को दरकिनार करना चाहते थे।”
“लोकसभा स्पीकर का सम्मान नहीं करते”
मंत्री ने आगे कहा, “जब राहुल गांधी लोकसभा में बैठते हैं तो क्या वे स्पीकर की बात का सम्मान करते हैं? यदि वे वहां नियमों की अनदेखी करते हैं तो हम यहां उनकी गलत बातों को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।” उनकी इस टिप्पणी ने बैठक में उपस्थित अन्य जनप्रतिनिधियों को भी चौंका दिया।
राजनीतिक तकरार ने पकड़ा जोर
रायबरेली में दिशा समिति की बैठक प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी, लेकिन राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच हुई इस तीखी बहस ने बैठक को राजनीतिक रंग दे दिया। यह विवाद अब सोशल मीडिया से लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा का प्रमुख विषय बन चुका है।
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