UP Panchayat Chunav 2026: उत्तर प्रदेश में वर्ष 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियों का आगाज हो चुका है। इसके साथ ही चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलावों की आहट सुनाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव प्रतिनिधियों के बजाय सीधे जनता के द्वारा कराया जा सकता है।इस बदलाव का उद्देश्य धनबल और बाहुबल के प्रभाव को कम करना बताया जा रहा है, जिससे आम जनता को सीधे तौर पर पंचायत स्तर के नेतृत्व चुनने का अधिकार मिल सकेगा।
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सीएम योगी से ओपी राजभर की मुलाकात
उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर यह प्रस्ताव रखा कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता से सीधे कराया जाए। राजभर का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उनके प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है और अधिकारियों को इसका प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है।इस बैठक में सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी चर्चा की गई थी और उन्हें भी यह प्रस्ताव पसंद आया।
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संविधान संशोधन का प्रस्ताव केंद्र को भेजने की तैयारी
ओपी राजभर ने एक मीडिया बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री से अब तक चार बार, गृहमंत्री अमित शाह से दो बार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार इस मुद्दे पर बातचीत हो चुकी है। उनका कहना है कि सभी नेताओं ने इस विचार का समर्थन किया है।अब सरकार की योजना है कि इस सप्ताह के भीतर प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जाए। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा से इसे पारित करा कर, एक नया आदेश जारी किया जाएगा, जिससे पंचायत चुनावों में जनता को सीधा वोटिंग अधिकार मिलेगा।
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तैयारियों में जुटा प्रशासन
इस बीच, उत्तर प्रदेश शासन ने पंचायत चुनावों की तैयारी के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के परिसीमन का कार्य शुरू कर दिया है। पिछला पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2021 में हुआ था, और अब इन पंचायती संस्थाओं के कार्यकाल की समाप्ति में केवल एक साल बचा है।नियमों के अनुसार, कार्यकाल समाप्ति के 6 माह पहले या बाद में चुनाव कराए जाने होते हैं। इसी क्रम में शासन और निर्वाचन आयोग दोनों स्तरों पर चुनावी तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं।
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बदलाव से आएगा पारदर्शिता का युग
यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं। अब तक ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव चुने गए प्रतिनिधियों के जरिए होता था, जहां कई बार धनबल, जातिवाद और राजनीतिक दबाव की भूमिका सामने आती रही है।जनता के सीधे मतदान से न केवल लोकतंत्र मजबूत होगा, बल्कि इससे सच्चे जनप्रतिनिधि सामने आएंगे, जो जनता की समस्याओं से सीधे जुड़े होंगे। अगर यह फैसला अमल में आता है, तो यह देश के पंचायत चुनावों के इतिहास में एक बड़ा सुधारात्मक कदम माना जाएगा।