UP Panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को अगले साल की शुरुआत यानी जनवरी-फरवरी 2026 तक नया ग्राम प्रधान मिल सकता है। इसके लिए राज्य सरकार और पंचायत विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पंचायत राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार इस साल के अंत यानी दिसंबर 2025 तक पंचायत चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोविड के कारण 2021 में हुए थे पिछली बार चुनाव
मिली जानकारी के मुताबिक, पंचायतों का पिछला कार्यकाल वर्ष 2015 से 2020 तक था, लेकिन कोविड महामारी के चलते पंचायत चुनाव 2021 में कराए गए थे। हालांकि अब सरकार ने 2020 से 2025 तक का कार्यकाल मानते हुए चुनाव समय पर कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पंचायत चुनाव टालने की कोई योजना नहीं है और इसे विधानसभा चुनाव की तैयारियों से पहले ही निपटाया जाएगा।
आरक्षण नियमावली और आरक्षण चक्र पर काम शुरु
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनावों को समय पर कराने की इच्छुक है ताकि 2026 और 2027 के बीच होने वाले विधानसभा चुनावों में कोई बाधा उत्पन्न न हो। इसीलिए पंचायत विभाग ने अभी से ही ग्राम पंचायतों के लिए आरक्षण नियमावली और आरक्षण चक्र पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार नहीं चाहती कि दोनों चुनावों की प्रक्रिया एक-दूसरे में हस्तक्षेप करें।
मतपेटिकाओं की आपूर्ति और अन्य सेवाओं के लिए ई-टेंडर जारी
आपको बता दे कि, चुनाव प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 67 जिलों में मतपेटिकाओं की आपूर्ति सहित अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए ई-टेंडर जारी कर दिए हैं। इनमें मतपत्रों की छपाई, वितरण और तकनीकी सेवाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इच्छुक निविदादाता 6 जून 2025 की शाम 5 बजे तक अपनी निविदाएं अपलोड कर सकते हैं।
चुनाव कार्यक्रम जल्द घोषित होने की संभावना
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त निविदाएं लखनऊ स्थित कार्यालय में इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के माध्यम से खोली जाएंगी। इसके आधार पर यह संभावना जताई जा रही है कि पंचायत चुनाव का आयोजन जनवरी से फरवरी 2026 के बीच किया जा सकता है। इससे पहले चुनाव तिथि, आरक्षण सूची और अन्य दिशा-निर्देशों की अधिसूचना जल्द ही जारी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार और पंचायत विभाग ने पंचायत चुनाव को लेकर कमर कस ली है। दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की योजना को लेकर हर स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इससे संकेत मिलता है कि अगले साल की शुरुआत में प्रदेश को नया पंचायत नेतृत्व मिलेगा, जिससे ग्राम विकास की योजनाओं को नई दिशा मिल सकेगी।
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