UP Police: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक दिल को छू लेने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। मुरादाबाद जेल में तैनात महिला कांस्टेबल सुषमा गंगवार ने भाई दूज के दिन अपने एक साल के छोटे बच्चे को गोद में लेकर ड्यूटी निभाई। हजारों बहनों के अपने भाइयों से मिलने के लिए उमड़ती भीड़ के बीच, सुषमा ने अपने मातृत्व और पुलिसिंग के कर्तव्य का बखूबी निर्वाह किया, जिससे लोगों ने उन्हें सलाम किया है।
भाई दूज पर बढ़ी भीड़, कांस्टेबल ने संभाली जिम्मेदारी
भाई दूज के मौके पर मुरादाबाद जेल में भारी भीड़ उमड़ी थी। बहनों ने अपने भाइयों से मिलने के लिए लंबी कतारें लगाई थीं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था चुनौतीपूर्ण हो गई थी। ऐसे समय में महिला कांस्टेबल सुषमा गंगवार ने एक हाथ में अपने एक साल के बच्चे को गोद में संभालते हुए, दूसरे हाथ से जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण का काम बखूबी किया।उनकी ड्यूटी की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और हर ओर उनकी बहादुरी, धैर्य और निष्ठा की तारीफ हो रही है।
मातृत्व और ड्यूटी का बेहतरीन संगम
सुषमा गंगवार की कहानी सिर्फ एक महिला पुलिसकर्मी की नहीं है, बल्कि मातृत्व और पेशेवर कर्तव्य की जुगलबंदी का भी उदाहरण है। अपने छोटे बच्चे के साथ ड्यूटी पर रहकर उन्होंने यह साबित किया कि महिला पुलिसकर्मी किसी भी विषम परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटती। उनके इस कदम ने न केवल समाज में महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की है, बल्कि हर महिला के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना है।
सोशल मीडिया पर हुई खूब चर्चा
सुषमा की ड्यूटी के दौरान ली गई तस्वीरों ने लोगों के दिलों को छू लिया है। सोशल मीडिया यूजर्स उनके समर्पण, धैर्य और बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि सुषमा ने बहादुरी और मातृत्व का अद्भुत संगम पेश किया है, जो समाज के लिए प्रेरणा बन सकता है।उत्तर प्रदेश की महिला कांस्टेबल सुषमा गंगवार की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, कर्तव्य और परिवार दोनों को निभाना संभव है। भाई दूज के इस पावन पर्व पर उनकी यह प्रतिबद्धता हर किसी के लिए एक प्रेरणा है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो घर और काम दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करती हैं।सुषमा गंगवार ने साबित कर दिया कि मातृत्व और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन संभव है और इससे बेहतर मिसाल कोई नहीं हो सकती।
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