UP Police Result 2024: योगी सरकार की नकल विरोधी मुहिम ने दिखाया असर, पुलिस भर्ती में नकल की साजिश हुई नाकाम

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board) के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार परीक्षा को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए.

Aanchal Singh
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UP Police Result 2024: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा में इस बार नकल माफिया और सॉल्वर गैंग पूरी तरह असफल रहे. परीक्षा के पहले चरण में लिखित परीक्षा की कटऑफ लिस्ट गुरुवार को जारी कर दी गई. इस परीक्षा की निगरानी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की.

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सीएम योगी की सख्ती और परीक्षा की निष्पक्षता

सीएम योगी की सख्ती और परीक्षा की निष्पक्षता

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board) के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार परीक्षा को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए. इस प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हुए धांधली रोकने के मजबूत उपाय किए गए.

गोपनीयता और सुरक्षा की नई तकनीक

परीक्षा के प्रश्नपत्रों को गोपनीय चिह्नों के साथ सुरक्षित कर मल्टी-लेयर पैकेजिंग की गई, ताकि छेड़छाड़ की कोई संभावना न रहे. इस परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया. प्रश्नपत्रों को तीन श्रेणियों—कठिन, मध्यम और आसान—में विभाजित किया गया, जिसमें 30% कठिन, 50% मध्यम और 20% आसान प्रश्न शामिल थे। AI के जरिए 15,000 प्रश्नों का क्वेश्चन बैंक तैयार किया गया.

परीक्षा में नकल रोकने के लिए उठाए गए कदम

परीक्षा में नकल रोकने के लिए उठाए गए कदम

प्रश्नपत्र की आठ सीरीज: हर प्रश्नपत्र की आठ सीरीज बनाई गईं, ताकि अगल-बगल बैठे अभ्यर्थी नकल न कर सकें.

AI से लैस CCTV कैमरे: परीक्षा केंद्रों पर निगरानी के लिए AI-युक्त कैमरे लगाए गए.

आंसर शीट की सुरक्षा: आंसर शीट्स को टेम्पर-प्रूफ मल्टी-लेयर पैकेजिंग के जरिए सुरक्षित किया गया। प्रश्नपत्रों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई गई.

केंद्रों का चयन और आवंटन: केवल शासकीय और वित्तपोषित अशासकीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया. अभ्यर्थियों को केंद्र आवंटन में भी नई तकनीक का इस्तेमाल हुआ.

अभ्यर्थियों का सत्यापन: भौतिक सत्यापन के साथ डिजिटल फोटो कैप्चरिंग, फेशियल रिकग्निशन, बायोमेट्रिक और 100% रियल-टाइम आधार सत्यापन के बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई.

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    नकल माफिया पर लगाम

    नकल माफिया पर लगाम

    सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड के कड़े कदमों और तकनीकी उपायों ने नकल माफिया और सॉल्वर गैंग की कोशिशों को विफल कर दिया. इस परीक्षा ने न केवल गोपनीयता और पारदर्शिता की नई मिसाल पेश की, बल्कि यह भी दिखाया कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किस तरह से परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बना सकता है.

    योगी सरकार का बड़ा कदम

    योगी सरकार का बड़ा कदम

    यह परीक्षा योगी सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है जो भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने पर केंद्रित हैं. तकनीक के प्रभावी उपयोग और सख्त मॉनिटरिंग ने यह सुनिश्चित किया कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली न हो. इसके सफल आयोजन से भविष्य की अन्य परीक्षाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार हुआ है.

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