UP Politics: जया बच्चन के साथ अखिलेश ने दरगाह पर चढ़ाई चादर , दिया सियासी संदेश

क्या यह आगामी चुनाव से पहले धार्मिक सद्भाव का सियासी संदेश है? अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव और जया बच्चन के साथ अचानक सलीम चिश्ती दरगाह पर चादर क्यों चढ़ाई, और इस खास मौके पर उन्होंने देश और प्रदेश के लिए क्या दुआएं मांगीं, जानें पूरी राजनीतिक और धार्मिक यात्रा की कहानी!

Chandan Das
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UP Politics: समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ आगरा स्थित फतेहपुर सीकरी में हजरत सलीम चिश्ती की दरगाह पहुंचे। इस दौरान उनके साथ भाजपा सांसद जया बच्चन भी मौजूद रहीं। दरगाह में उन्होंने चादर चढ़ाई और देश के अमन-चैन के लिए दुआ की।

UP Politics: दरगाह से अखिलेश का संदेश

अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी हिंदुस्तानियत मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक है। यहां से हमारी कामना यही है कि समाज में एक-दूसरे के प्रति लगाव और बढ़े। आज हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी को याद कर रहे हैं, जिन्होंने संविधान दिया। संविधान की वजह से हमें अधिकार और सम्मान मिला है। यह किताब हमारे लिए किस्मत की किताब है।”अखिलेश यादव ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि “सरकार यह समझे कि अगर उद्योगपति अत्यधिक ताकतवर होंगे, तो जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। सरकार ताकतवर हो, लेकिन उद्योगपति ताकतवर न हों, यह सरकार के लिए सोचने का विषय है।” उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से समीकरण बनाने की कला सीखी है।

UP Politics: आगरा में समाजवादियों का ऐतिहासिक प्रदर्शन

अखिलेश ने आगरा में समाजवादियों के पक्ष में ऐतिहासिक परिणाम की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “इस बार आगरा के मतदाता समाजवादियों को अवसर देंगे। हमने देखा है कि समीकरण बनाना जरूरी है और हम जनता के बीच काम करने वाले साथियों को मौका देंगे।”दरगाह में चादर चढ़ाने के बाद अखिलेश यादव ने मन्नत का धागा भी बांधा। यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने यहां मन्नत बांधी हो। उन्होंने बताया कि साल 2012 में भी उन्होंने यही पर मन्नत बांधी थी। इस बार की दरगाह यात्रा बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीख के करीब होने के कारण चर्चा का विषय बनी।

सुरक्षा के बीच दरगाह दौरा

अखिलेश यादव और उनके साथ आए लोग शनिवार दोपहर लगभग 1:30 बजे दरगाह पहुंचे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। उन्होंने दरगाह में देश के अमन-चैन और समाज में भाईचारे के लिए विशेष रूप से प्रार्थना की।मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने SIR और आगामी चुनावी समीकरण पर भी बात की। उन्होंने कहा, “सरकार वोट बढ़ाने के बजाय वोट कटवा रही है। आगरा में आने वाले समय में समीकरण बदलेंगे। हमने बीजेपी से समीकरण बनाने का तरीका सीखा है। हम उन साथियों को मौका देंगे जो जनता के बीच काम कर रहे हैं और लोगों के हित में प्रयास कर रहे हैं।”

सियासत में संभावित हलचल

दरगाह में पहुंचने और बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीख के आसपास होने की वजह से अखिलेश यादव की यह यात्रा राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके चलते सियासत में हलचल होने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह यात्रा आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है।

अखिलेश यादव की यह दरगाह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही, बल्कि इसमें राजनीतिक संदेश भी शामिल थे। उन्होंने समाज में भाईचारा और एकता के महत्व पर जोर दिया, साथ ही सरकार और उद्योगपतियों को लेकर अपनी चिंता भी व्यक्त की। आगरा में आने वाले समय में राजनीतिक समीकरण बदलने की उनकी संभावना भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

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