UP Politics: उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं के नाम काटे जाने के विवादित मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त 2025 को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर डीएम जौनपुर, कासगंज और बाराबंकी ने जो जवाब दिए हैं, वे चुनाव आयोग के दावों को गलत साबित करते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया था कि आयोग को समाजवादी पार्टी की ओर से कोई हलफनामा (एफिडेविट) प्राप्त नहीं हुआ है।
लेकिन इन जिलाधिकारी अधिकारियों के जवाब से स्पष्ट हो गया कि यह दावा गलत है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग को कोई हलफनामा ही नहीं मिला होता तो जिलाधिकारियों का यह जवाब कैसे संभव था? उन्होंने सवाल उठाया कि यह जवाब आखिर किस बात का दिया गया है। इस मामले में सतही जवाब देकर खानापूर्ति करने वाले जिलाधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। अखिलेश ने कोर्ट से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की और कहा कि चुनाव आयोग या जिलाधिकारी में से कोई एक तो गलत है।
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अखिलेश यादव का सोशल मीडिया पर बड़ा आरोप
20 अगस्त 2025 को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कासगंज, बाराबंकी और जौनपुर के डीएम अचानक 18000 शपथपत्रों के मामले में इतने सक्रिय क्यों हो गए? उनका यह चक्रव्यूह चुनाव आयोग के दावों के उलट है कि उन्हें कोई हलफनामा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जो लोग सीसीटीवी कैमरों में पकड़े गए और अपने घपलों पर सफाई दे रहे हैं, उन पर किसी को भरोसा नहीं है।उन्होंने भाजपा सरकार, चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत को ‘चुनावी तीन तिगाड़ा’ करार दिया और कहा कि इस त्रिगुट ने लोकतंत्र को कमजोर किया है और अब जनता इसकी न्यायिक अदालत लगाएगी। अखिलेश ने जोर देकर कहा कि झूठ चाहे कितना भी ताकतवर हो, अंत में झूठ ही हारता है।
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भ्रष्टाचार और सत्ता के खेल पर सपा नेता का तीखा प्रहार
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि भ्रष्ट लोग न तो अपने परिवार के होते हैं, न समाज के, और न ही देश के प्रति ईमानदार होते हैं। वे केवल अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए एक-दूसरे से गठजोड़ करते हैं, जो अंततः देश और लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित होता है।अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि यह गठजोड़ जनता की आवाज़ को दबाने का षड्यंत्र है, लेकिन जनता अब इस गठबंधन को समाप्त करने के लिए सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से मिलकर इस जाल को खत्म करने की अपील की।
