UP Politics: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले की सिगाची केमिकल फैक्ट्री में सोमवार को भीषण विस्फोट के बाद आग लग गई। इस हादसे में अब तक 37 मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 35 से अधिक श्रमिक गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। यह हादसा उस समय हुआ जब मजदूर सुबह का नाश्ता कर काम पर लौट रहे थे।
विस्फोट इतना भयानक था कि फैक्ट्री की छत उड़ गई
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, विस्फोट इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की छत उड़कर पास के पेड़ों पर जा गिरी। एक श्रमिक ने बताया कि धमाके के बाद चारों ओर धुएं का गुबार फैल गया और कुछ भी साफ दिखना मुश्किल हो गया। पास की एक अन्य फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर ने बताया कि धमाके की गूंज आधा किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और कई घरों की खिड़कियों के शीशे चटक गए।
घटना के बाद अफरा-तफरी
विस्फोट के बाद फैक्ट्री में चीख-पुकार मच गई। मृतकों और घायलों के परिजन बदहवास स्थिति में फैक्ट्री के बाहर जमा हो गए हैं। कई परिवार अब भी अपने परिजनों की जानकारी के लिए परेशान हैं। राहत व बचाव कार्य तेजी से जारी है, और मलबा हटाया जा रहा है। रेस्क्यू टीम फैक्ट्री के भीतर अभी भी फंसे लोगों की तलाश में जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी करेंगे घटनास्थल का दौरा
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस त्रासदी को अत्यंत दुखद बताते हुए मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचने की बात कही है। वे पीड़ित परिवारों से मिलकर राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. दामोदर राजा नरसिम्हा ने जानकारी दी कि सभी घायलों को सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
बिहार, ओडिशा, बंगाल जैसे राज्यों से आए थे श्रमिक
फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर केवल तेलंगाना व आंध्र प्रदेश से ही नहीं, बल्कि ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी आए थे। संजू देवी, जो अपने पति छोटे लाल की तलाश में फैक्ट्री पहुंचीं, रोते हुए बोलीं कि अब तक कोई खबर नहीं है। एक अन्य महिला मल्लेश्वरी ने बताया कि उनके पति बालकृष्ण भी लापता हैं।
औद्योगिक सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस भयावह हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञ टीमें विस्फोट के कारणों की जांच कर रही हैं। फिलहाल, रेस्क्यू और राहत कार्य प्राथमिकता पर जारी है। प्रशासन का कहना है कि जब तक सभी मजदूरों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, राहत अभियान जारी रहेगा।