UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों हलचल बढ़ गई है। कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब हाल ही में उन्होंने मंच से भाजपा को गठबंधन तोड़ने की धमकी दी थी। बैठक में उनके बेटे अमित निषाद भी मौजूद रहे।
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किन मुद्दों पर हुई चर्चा ?
संजय निषाद ने मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताते हुए कहा कि इसमें निषाद आरक्षण और बाढ़ के दौरान मछुआरों की दिक्कतों जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी चिंताओं का निस्तारण किया जाएगा। बैठक में संजय निषाद ने हाल में दिए गए अपने बयानों को लेकर भी मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी।
गोरखपुर में भाजपा पर साधा था निशाना
गौरतलब है कि गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में संजय निषाद ने भाजपा के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया था। उन्होंने मंच से कहा था कि यदि भाजपा को लगता है कि छोटे दलों से कोई फायदा नहीं मिल रहा, तो वह गठबंधन तोड़ सकती है। संजय निषाद ने आरोप लगाया था कि भाजपा बाहरी नेताओं से उनके खिलाफ बयान दिलवाती है।
“भीख नहीं मांगेंगे, 2027 में देखेंगे”
संजय निषाद ने कार्यक्रम में आगे कहा था कि 2024 के चुनाव में निषाद समाज और उनकी पार्टी को कुछ नहीं मिला। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें किसी से भीख मांगने की जरूरत नहीं है और 2027 के चुनाव में जनता तय करेगी कि किसे समर्थन देना है। उनके इस बयान से भाजपा खेमे में बेचैनी बढ़ गई थी।
संजय निषाद के तीखे बयान के बाद भाजपा ने भी तुरंत पहल की। सूत्रों के मुताबिक उसी रात प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने उन्हें फोन कर मामले को सुलझाने का भरोसा दिया। इसके बाद बीते गुरुवार को संजय निषाद ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मुलाकात की थी।
गठबंधन की राह में बनी रहेगी नज़र
संजय निषाद और सीएम योगी की ताज़ा मुलाकात को राजनीतिक जानकार गठबंधन को बचाने की कोशिश मान रहे हैं। हालांकि निषाद पार्टी के हालिया नाराजगी भरे तेवर और आरक्षण समेत अन्य मुद्दों पर उठाई गई आवाज़ संकेत दे रही है कि भाजपा को छोटे दलों की अपेक्षाओं को गंभीरता से लेना होगा। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि यह मुलाकात केवल शिष्टाचार भर थी या गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम।
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