SIR Date Extend: उत्तर प्रदेश (UP) सहित देश के नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की समय-सीमा को निर्वाचन आयोग ने एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय से प्रदेश भर के बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLOs) और उन लाखों मतदाताओं को बड़ी राहत मिली है, जो किसी कारणवश अब तक फॉर्म जमा नहीं कर पाए थे। अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी, जबकि पहले यह तारीख 7 फरवरी निर्धारित थी। यह विस्तारित समय छूटे हुए मतदाताओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने का एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा।
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निर्वाचन आयोग का आंतरिक फैसला
बताते चले कि, निर्वाचन आयोग ने यह कदम विभिन्न हितधारकों के साथ आंतरिक चर्चा के बाद उठाया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छूटे हुए मतदाताओं को अपने फॉर्म जमा करने का अतिरिक्त समय प्रदान करना है। यह कदम SIR के मुख्य उद्देश्य को सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिसका लक्ष्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें मतदाता सूची से बाहर करना है। आयोग के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, गणना प्रपत्र वितरण अब 11 दिसंबर तक जारी रहेगा, जबकि मसौदा मतदाता सूची 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने कहा है कि यह तारीख में बदलाव SIR प्रक्रिया में लगे अधिकारियों को उनके काम के लिए व्यावहारिक समय प्रदान करेगा।
यूपी के BLO और प्रवासी मतदाताओं को बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश में कार्यरत बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLOs) को फॉर्म भरने और डिजिटाइजेशन की बढ़ी हुई समय-सीमा से काफी राहत मिली है। BLOs पहले कम समय के कारण अत्यधिक दबाव में काम कर रहे थे। एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मिलने से उन प्रवासी मतदाताओं को भी बड़ा लाभ मिला है जो काम या मजदूरी के लिए प्रदेश से बाहर थे। अब वे वापस आकर अपने फॉर्म जमा कर सकते हैं, जिससे यूपी मतदाता सूची में उनका नाम दर्ज होना सुनिश्चित होगा और उन्हें अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलेगा। यह विस्तार मतदाता डेटा को सटीकता के साथ अपडेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
SIR कार्यक्रम में संशोधन के निर्वाचन आयोग के फैसले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी नेताओं ने पहले आरोप लगाया था कि कम समय-सीमा के कारण तनाव में आकर कम से कम 40 बीएलओ की मौत हुई या उन्होंने आत्महत्या की। हालाँकि, आयोग ने इन दावों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने टिप्पणी की कि समय-सीमा में बदलाव इस बात का संकेत है कि आयोग को स्वयं पता था कि पिछली समय-सीमा ‘व्यावहारिक’ नहीं थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रक्रिया पर सवाल उठाना जायज था।
SIR का मुख्य उद्देश्य
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का मूल उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों, विशेष रूप से बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों की पहचान करना और उन्हें मतदाता सूची से बाहर करना है। 27 अक्टूबर को घोषित इस प्रक्रिया में यूपी, पश्चिम बंगाल, असम, केरल और अन्य राज्य शामिल हैं। निर्वाचन आयोग का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और मतदाता सूची की अखंडता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश में भी यह जांच महत्वपूर्ण है ताकि केवल योग्य भारतीय नागरिकों को ही वोट डालने का अधिकार मिले।
