US Shooting: व्हाइट हाउस के करीब गोलीबारी से हड़कंप, 2 जवान घायल

वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस से दो ब्लॉक दूर नेशनल गार्ड के दो सैनिकों पर फायरिंग हुई है। दोनों सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। घटना के बाद FBI ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

Nivedita Kasaudhan
US Shooting
व्हाइट हाउस के करीब गोलीबारी से हड़कंप

US Shooting: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार, 26 नवंबर 2025 को व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर गोलीबारी की घटना ने पूरे देश को हिला दिया। इस हमले में वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वॉशिंगटन की मेयर म्यूरियल बोसर ने इसे एक “टारगेटेड अटैक” करार दिया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।

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FBI और पुलिस की संयुक्त जांच

US Shooting
व्हाइट हाउस के करीब गोलीबारी से हड़कंप

घटना के तुरंत बाद FBI और स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू कर दी। FBI निदेशक काश पटेल ने बताया कि घायल सैनिकों का समय पर इलाज किया गया है। वहीं, एक संदिग्ध को भी गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी जान को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध की पहचान 29 वर्षीय अफगान नागरिक रहमानुल्लाह के रूप में हुई है। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह हमला जानबूझकर सैनिकों को निशाना बनाकर किया गया था। साथ ही, मामले की जांच आतंकवादी हमले के एंगल से भी की जा रही है।

घटनास्थल पर अफरातफरी

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में EMT टीम घायल सैनिकों को CPR देते हुए दिखाई दी। फुटपाथ पर खून के निशान और टूटा हुआ कांच साफ नजर आ रहा था। घटना के कुछ ही मिनटों में बड़ी संख्या में पुलिस, फायर डिपार्टमेंट और हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंच गए। एक चश्मदीद ने बताया कि गोलीबारी के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया था।

नेशनल गार्ड की तैनाती पर विवाद

वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती लंबे समय से राजनीतिक विवाद का विषय रही है। अगस्त में 300 से ज्यादा सैनिकों को शहर में तैनात किया गया था, जिनमें से कई वापस लौट चुके हैं। हाल ही में 160 सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया गया था। इसी बीच ट्रंप प्रशासन ने डीसी पुलिस को संघीय नियंत्रण में लेने का आदेश दिया था, जिसे अदालत में चुनौती दी गई थी। इस घटना ने एक बार फिर नेशनल गार्ड की मौजूदगी और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की प्रतिक्रिया

घटना पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जो भी सैनिकों पर हमला करेगा, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी चिंता जताते हुए कहा कि हमें प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक इस देश की ढाल हैं और यह हमला एक गंभीर चेतावनी है।

बराक ओबामा का बयान

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि अमेरिका में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। ओबामा ने कहा कि मिशेल और मैं घायल सैनिकों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और उनके परिवारों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करते हैं।

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