US Tariffs: आज से 50% टैरिफ लागू, भारत के फार्मा समेत इन सेक्टर को नहीं होगा नुकसान

Nivedita Kasaudhan
US Tariffs
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US Tariffs: आज बुधवार 27 अगस्त 2025 से अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत तक के एडिशनल टैरिफ लागू हो चुके हैं। यह कदम वैश्विक व्यापार में एक नई चुनौती लेकर आया है, लेकिन इसका असर सभी सेक्टर्स पर एक समान नहीं पड़ेगा। लेबर इंटे​सिव इंडस्ट्रीज जैसे कपड़ा और रत्न व आभूषण पर इस टैरिफ का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है, जबकि फार्मा, स्मार्टफोन और स्टील सेक्टर अपेक्षाकृत सुरक्षित रहेंगे।

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अमेरिका की GDP पर भी होगा असर

SBI रिसर्व की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए इन टैरिफ का प्रभाव केवल भारत ही नहीं, बल्कि खुद अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी GDP में 40-50 बेसिस पॉइंट्स तक की गिरावट हो सकती है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर 50% टैरिफ पूरी तरह प्रभाव में आता है, तो इससे भारत का करीब 45 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित हो सकता है। ऐसी स्थिति में भारत का व्यापार अधिशेष बदलकर व्यापार घाटे में भी परिवर्तित हो सकता है।

फार्मा सेक्टर को राहत

एक राहत की खबर यह भी है कि अमेरिका ने भारत से दवाओं के आयात पर टैरिफ में छूट दी है। साल 2025 में अमेरिका द्वारा आयात की जाने वाली कुल दवाओं में भारत की हिस्सेदारी 6% रही, और भारत के फार्मा निर्यात का करीब 40% अमेरिका को जाता है। यही कारण है कि फार्मा इंडस्ट्री को टैरिफ से राहत मिली है।

हालिया टैरिफ और कमजोर अमेरिकी डॉलर के कारण अमेरिका के बाजार में नए मुद्रास्फीति दबाव उभर रहे हैं, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स और कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर में। इन सेक्टर्स की आयात निर्भरता अधिक होने के कारण, भारत जैसे देशों से आने वाले उत्पाद महंगे हो जाएंगे।

इन देशों को होगा फायदा

भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लागू होने से चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और जापान जैसे देशों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है। भारत पर जहां टैरिफ दर 50% तक है, वहीं चीन पर 30%, वियतनाम पर 20%, इंडोनेशिया पर 19% और जापान पर सिर्फ 15% का टैरिफ लगा है। इससे भारत के उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे वैकल्पिक देशों को लाभ मिल सकता है।

कपड़ा और आभूषण सेक्टर पर दबाव

कपड़ा उद्योग भारत के लिए अहम है और अमेरिका भारत का सबसे बड़ा टेक्सटाइल मार्केट है। पिछले 5 सालों में भारत की बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है, जबकि चीन की हिस्सेदारी घटी है। मगर अब टैरिफ बढ़ने के बाद भारत को इस मार्केट में अपनी स्थिति बनाए रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। रत्न और आभूषण सेक्टर के लिए भी अमेरिका मुख्य निर्यात बाजार है, जो 28.5 अरब डॉलर के वार्षिक निर्यात में करीब एक तिहाई हिस्सा रखता है। अब जब टैरिफ 25% से बढ़कर 50% हो गया है, तो निर्यातकों को कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

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