US Tariff Policy 2025 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 को एलान किया कि अमेरिका आने वाले 2 से 3 हफ्तों में स्टील और सेमीकंडक्टर चिप्स के आयात पर टैरिफ लगाने जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। शुरुआत में टैरिफ की दरें कम रखी जाएंगी ताकि कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन शुरू करने का समय मिल सके, लेकिन बाद में इन्हें चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा।
घरेलू उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा, बाहर से मंगाना होगा महंगा
ट्रंप ने कहा कि नई टैरिफ नीति से कंपनियों को स्पष्ट संकेत मिलेगा कि अब उन्हें उच्च शुल्क का सामना करना पड़ेगा अगर वे अमेरिका के बाहर उत्पादन जारी रखेंगी। इसके बजाय वे अमेरिका में ही उत्पादन शुरू करें, जिससे स्थानीय उद्योग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “हमने पहले दवाइयों पर यही नीति अपनाई और अब वही मॉडल स्टील और चिप्स पर भी लागू होगा।”
क्या है ट्रंप की रणनीति?
राष्ट्रपति ट्रंप के मुताबिक, यह रणनीति पूरी तरह से अमेरिका की घरेलू अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि सरकार उन कंपनियों को छूट देने पर विचार कर रही है जो अमेरिका में उत्पादन यूनिट स्थापित करने का वादा करेंगी। उनका मानना है कि इससे अमेरिका एक बार फिर हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक केंद्र बन सकेगा।
वैश्विक व्यापार पर फिर पड़ेगा असर
ट्रंप की यह नई नीति न केवल अमेरिका की कंपनियों को प्रभावित करेगी, बल्कि वैश्विक व्यापार समीकरणों में भी बदलाव लाएगी। इससे पहले फरवरी में अमेरिका ने स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसे मई में बढ़ाकर 50% कर दिया गया। अब सेमीकंडक्टर चिप्स पर भी 100% तक टैरिफ लगाने की तैयारी है। इससे एशियाई देशों, खासकर चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया को झटका लग सकता है, जो अमेरिका को बड़ी मात्रा में चिप्स निर्यात करते हैं।
एप्पल का बड़ा निवेश, ट्रंप की रणनीति को मिला समर्थन
ट्रंप की घोषणा ऐसे समय आई है जब टेक दिग्गज एप्पल ने अमेरिका में 100 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की है। यह निवेश मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, रिसर्च और लोकल सप्लाई चेन पर खर्च किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि एप्पल जैसे कदम दिखाते हैं कि बड़ी टेक कंपनियां अब अमेरिका में निवेश करने के लिए तैयार हैं, और उनकी सरकार इस माहौल को और भी अनुकूल बनाएगी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह टैरिफ कदम अमेरिकी उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने और विदेशी निर्भरता को कम करने की दिशा में एक और बड़ा प्रयास है। हालांकि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ना तय है, लेकिन अमेरिका की रणनीति साफ है — ‘मेक इन अमेरिका’ को प्राथमिकता देना और घरेलू उत्पादन को हर हाल में बढ़ावा देना। आने वाले हफ्तों में इस नीति के लागू होने के बाद इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा।
