Uttarakhand Day 2025: उत्तराखंड स्थापना दिवस हर साल 9 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन उस ऐतिहासिक अवसर को याद करने के लिए विशेष माना जाता है जब वर्ष 2000 में उत्तराखंड को एक नया राज्य घोषित किया गया। भारत के उत्तरी हिस्से में स्थित यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिकता, पवित्र नदियों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। 2025 में उत्तराखंड अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।
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राज्य का गठन और नाम में बदलाव

उत्तराखंड की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर हुई। शुरुआत में इसे उत्तरांचल नाम दिया गया था, लेकिन वर्ष 2007 में इसे आधिकारिक रूप से उत्तराखंड नाम से जाना जाने लगा। राज्य के गठन का उद्देश्य उस क्षेत्र के लोगों को अपनी पहचान और विकास की दिशा तय करने का अधिकार देना था।
उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सौंदर्य इसे विशेष बनाते हैं। यहाँ के पहाड़, हरे-भरे जंगल, पवित्र नदियाँ और धार्मिक स्थल इसे न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी दर्शाते हैं।
स्थापना दिवस का उत्सव
उत्तराखंड दिवस केवल राज्य की स्थापना का जश्न नहीं है, बल्कि यह उन संघर्षों और प्रयासों की याद दिलाने वाला दिन है जो राज्य के लोगों ने अलग पहचान पाने के लिए किए। हर साल इस दिन सरकारी और सामाजिक स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रमों, समारोहों और राष्ट्रीय गीतों के माध्यम से इस दिन को यादगार बनाते हैं।
स्थापना दिवस पर राज्य के लोग अपने अतीत को याद करते हैं, उस कठिन समय को याद करते हैं जब उन्होंने अलग राज्य की मांग की। साथ ही यह दिन उन्हें अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।
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उत्तराखंड के गठन की पृष्ठभूमि

उत्तराखंड के गठन की कहानी लंबे संघर्ष और दृढ़ निश्चय की है। पहले यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश का हिस्सा था और उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। यहाँ के लोग अपनी अलग पहचान, भौगोलिक परिस्थितियों और विकास की अनूठी जरूरतों के चलते अलग राज्य की मांग करने लगे।
समय के साथ, राज्य के लोगों ने अपने हक के लिए संघर्ष किया और सरकार से अलग राज्य की मांग की। यह संघर्ष कई दशकों तक चला और अंततः 9 नवंबर 2000 को इसे सफलता मिली। राज्य बनने के बाद उत्तराखंड ने अपने विकास की दिशा खुद तय की और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और संस्कृति में कई उपलब्धियाँ हासिल कीं।
संस्कृति और परंपरा का उत्सव

उत्तराखंड स्थापना दिवस केवल प्रशासनिक महत्व का दिन नहीं है। यह राज्य की संस्कृति, परंपरा और स्थानीय रीति-रिवाजों का भी उत्सव है। इस दिन राज्यवासियों में गर्व और उत्साह देखने को मिलता है। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान, लोकगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्थापना दिवस के अवसर पर लोग अपने राज्य की उपलब्धियों और विकास को याद करते हैं और भविष्य के लिए नई योजनाओं और उम्मीदों को संजोते हैं।
