Uttarakhand: उत्तराखंड में चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बीती रात तेज बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ।तेज बारिश और बादल फटने की घटना से नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुन्तरी लगाफाली में मलबा आने से 6 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए जहां अब तक करीब 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
चमोली में बादल फटने की घटना से भारी नुकसान
स्थानीय लोगों के अनुसार बादल फटने की घटना में कई लोग अभी भी घरों में फंसे हुए हैं।लगातार हो रही भारी बारिश से राहत एवं बचाव कार्यों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि,आवासीय भवनों,गौशाला और मवेशियों को भारी नुकसान हुआ है जिलधिकारी ने नागरिकों से सुरक्षित रहने और राहत कार्यों में सहयोग की अपील की है।
NDRF-SDRF की टीमों ने संभाला मोर्चा
घटना में 27 से 30 भवनों और गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई। उक्त सूचना पर SDRF पोस्ट गोचर से उप निरीक्षक के नेतृत्व में टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई। मार्ग अवरुद्ध होने व क्षेत्र में लगातार भारी वर्षा के कारण टीम को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। SDRF टीम लगभग 08 किमी पैदल मार्ग से होते घटनास्थल पर पहुंची।मौके पर स्थानीय पुलिस व प्रशासन,DDRF की टीमों ने राहत बचाव कार्य चलाया।स्थानीय पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना में अब तक 12 लोगों के मलबे में लापता होने की संभावना है। साथ ही 02 महिलाओं व 01 बच्चे को घायल अवस्था में निकालकर उपचार के लिए भेजा गया है।
CM धामी ने प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र से प्रदेशभर में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों में बचाव एवं राहत कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को तत्काल बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एम्स ऋषिकेश एयर लिफ्ट किए जाने के निर्देश दिए।
तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि,अतिवृष्टि के कारण प्रभावित क्षेत्रों में सड़क,पेयजल आपूर्ति,विद्युत व्यवस्था और नेटवर्क कनेक्टिविटी शीघ्र पुनः स्थापित की जाए।आपदा प्रभावित लोगों के लिए आश्रय, भोजन, स्वच्छ पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक एवं दवाओं की उपलब्धता बनाई जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके।
