Uttarkashi Cloud Burst: हवाई मदद से 372 लोगों को सुरक्षित निकाला, सड़क मार्ग अब भी बंद

घटना के बाद से प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य को युद्ध स्तर पर जारी रखा है। आज को इस अभियान का चौथा दिन है, जिसमें सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार दिन-रात काम कर रही हैं।

Nivedita Kasaudhan
Uttarkashi Cloud Burst
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Uttarkashi Cloud Burst: उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से आई भीषण आपदा ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी है। चारों तरफ मलबा और बर्बादी का नजरा है। घटना के बाद से प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य को युद्ध स्तर पर जारी रखा है। आज को इस अभियान का चौथा दिन है, जिसमें सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार दिन-रात काम कर रही हैं। अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 372 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।

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हेलीकॉप्टरों से हो रहा हवाई बचाव

Uttarkashi Cloud Burst
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रेस्क्यू अभियान में सेना के विशाल चिनूक हेलीकॉप्टर और एमआई-17 का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनकी मदद से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। गुरुवार को चिनूक के जरिए बड़ी मात्रा में आवश्यक सामग्री भेजी गई। सेना का कहना है कि अभी भी 50 से अधिक लोग लापता हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह संख्या इससे अधिक हो सकती है।

सड़क मार्ग बंद

धराली में 3 दिन बीतने के बाद भी सड़क मार्ग पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है। जगह-जगह भूस्खलन के कारण रास्ते अवरुद्ध हैं, जिससे राहत टीमों को मौके तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। सेना और अन्य एजेंसियां लगातार सड़कों को दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं। एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक गंभीर सिंह चौहान के अनुसार, उत्तरकाशी को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग भी बह चुका है, जिसकी मरम्मत की जा रही है।

हवाई मार्ग से पहुंचाई जा रही सहायता

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि हर्षिल, गंगोत्री और झाला से 275 लोगों को मातली हेलीपैड लाया गया, जहां से उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा गया। हवाई मार्ग से आधुनिक उपकरण भी धराली तक पहुंचाए जा रहे हैं, जिससे मलबे में दबे लोगों को जल्द खोजा और निकाला जा सके।

मुख्यमंत्री धामी की मौके पर मौजूदगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार से ही उत्तरकाशी में डटे हुए हैं। उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। सीएम ने कहा कि सरकार इस संकट की घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ी है और अंतिम व्यक्ति को सुरक्षित निकालने तक बचाव अभियान जारी रहेगा।

225 से अधिक बचावकर्मी

सेना के अनुसार, भटवाड़ी, लिंचीगाड़, हर्षिल, गंगनानी और धराली जैसे इलाकों में सड़क संपर्क पूरी तरह टूटा हुआ है। 225 से अधिक प्रशिक्षित बचावकर्मी, इंजीनियर, मेडिकल टीमें और खोजी कुत्ते मौके पर तैनात हैं। अगले 24-48 घंटों में चिनूक हेलीकॉप्टरों के माध्यम से अर्धसैनिक बलों और अतिरिक्त चिकित्सा दलों को हर्षिल तक पहुंचाने की योजना है।

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