Uttrakhand Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शनिवार शाम नौगांव क्षेत्र में बादल फटने की बड़ी घटना सामने आई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। अचानक हुई तेज बारिश और बाढ़ के कारण नौगांव बाजार में भारी तबाही देखने को मिली। पानी और मलबा इतनी तेजी से बहा कि कई घरों में घुस गया, जिससे लोगों को जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा।
मकान दबा, वाहन बहकर हुए बर्बाद 
बादल फटने से आई जलधारा ने नौगांव क्षेत्र में कई घरों को नुकसान पहुंचाया। एक मकान पूरी तरह मलबे में दब गया, जबकि कई घरों में मलबा और पानी भर जाने से लोग परेशान हो गए। साथ ही एक कार मलबे में दब गई और कई दोपहिया वाहन तथा एक मिक्सर मशीन भी बाढ़ में बह गई। इस आपदा की वजह से दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है।
निचले इलाकों तक बहकर पहुंचा मलबा
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि यमुना घाटी के सेवरी फाल पट्टी इलाके में बादल फटने की पुष्टि हुई है। इस घटना के कारण मलबा तेज धाराओं के साथ बहता हुआ निचले इलाकों तक पहुंच गया। अब तक किसी की जान जाने की सूचना नहीं मिली है। डीएम ने बताया कि भारी बारिश की चेतावनी पहले ही जारी की गई थी, जिस कारण कई लोगों ने समय रहते अपने घर खाली कर दिए थे, जिससे बड़े नुकसान से बचाव हो गया।
राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी
घटना की जानकारी मिलते ही SDRF और NDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की टीमें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने दिए तत्काल राहत के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जिलाधिकारी से बात की और राहत-बचाव कार्यों को तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और उन्हें हर ज़रूरी मदद उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि हालात पर लगातार नजर रखी जाए और किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
गौरतलब है कि 5 अगस्त को भी उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना हुई थी, जिससे खीरगंगा क्षेत्र में भारी बाढ़ आई थी। उस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग मलबे में दब गए थे। यह स्पष्ट संकेत है कि क्षेत्र में मौसम लगातार असामान्य व्यवहार कर रहा है।
भूस्खलन और भूकंप का खतरा
आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट ने चिंता को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के चार पहाड़ी जिले भू-स्खलन के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। खासकर रुद्रप्रयाग जिले को सबसे ज्यादा संवेदनशील बताया गया है। यह रिपोर्ट 2 अगस्त को एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई थी और इसमें संभावित भूकंप की स्थिति में बड़े पैमाने पर भू-स्खलन की चेतावनी दी गई है।

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