Vadodara Bridge Collapse: गुजरात में 9 जुलाई को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें अचानक से वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा पुल टूट गया. इस हादसे में जान गवानें वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। दरअसल, अब तक 18 लोगो की मौत हो चुकी है, अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन एक रात के लिए रोका गया. यह अभियान शुक्रवार (11 जुलाई) सुबह फिर से शुरू होगा, क्योंकि दो व्यक्ति अब भी लापता हैं.
इसी के चलते प्रशासन की तरफ से भी लगातार बचाव कार्य जारी है, साथ ही लापका लोगो को ढूंढ रहे हैं। दरअसल, वडोदरा के पद्रा इलाके में ये हादसा उस समय हुआ जब बहुत से वाहनों की आवाजाही चालू थी।
बचाव अभियान पर रोक…
दरअसल, वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया जानकारी देते हुए कहा कि अब जान गवांने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है. इसके साथ ही 2 लोग अभी भी लापता है, और अभी बचाव के कार्य को रोक दी गई थी क्योंकि नदी उफान पर थी। जिसे अब फिर से शुक्रवार सुबह शुरु किया गया था। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और अन्य एजेंसियों की कम से कम 10 टीमों द्वारा पूरे दिन खोज और बचाव अभियान चलाया गया.
सीएम भूपेंद्र पटेल ने 4 लोगों को किया निलंबित…

गुजरात में पुल ढहने की घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सड़क और भवन विभाग के चार अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद अब भी कुछ वाहन, जिनमें एक ट्रक भी शामिल है, नदी में फंसे हुए हैं। इन्हें बाहर निकालने के लिए सेना के ‘हाई परफॉर्मेंस ट्रक’ की मदद ली जा रही है।
निलंबित अभियंताओं में कार्यकारी अभियंता एनएम नायकवाला, उप कार्यकारी अभियंता यूसी पटेल और आरटी पटेल, तथा सहायक अभियंता जेवी शाह के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री पटेल, जो खुद सड़क एवं भवन विभाग का प्रभार संभाल रहे हैं, ने पहले पुल की मरम्मत, निरीक्षण और गुणवत्ता जांच को लेकर विशेषज्ञों से रिपोर्ट मंगवाई थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर इन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
सभी पुलों को किया जाएगा चेक
सीएम पटेल ने निर्देश दिए हैं कि अन्य पुलों का तत्काल निरीक्षण किया जाए। इस दौरान अधिकारी यह कहकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगस्त 2022 में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पहले ही इस पुल की जर्जर हालत को लेकर चेतावनी दी थी।
निलंबित अभियंता का दावा था- पुल में कोई खराबी नहीं
मुख्यमंत्री द्वारा निलंबित चार अधिकारियों में से एक नायकवाला का कहना है कि, ‘‘पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद करने की कोई मांग नहीं की गई थी. हमारी रिपोर्ट के अनुसार, हमारे निरीक्षण के दौरान कोई बड़ी क्षति नहीं पाई गई. बेयरिंग कोट में थोड़ी समस्या थी, लेकिन पिछले साल ही उसकी मरम्मत कर दी गई थी.’’