Vaishakh Amavasya 2025: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को विशेष माना गया है। जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। जो कि इस बार 27 अप्रैल दिन रविवार यानी आज मनाई जा रही है। अमावस्या के दिन स्नान दान व पूजा पाठ करना उत्तम माना जाता है।
मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है ऐसे में इस दिन लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। इस दिन अन्न, वस्त्र, दक्षिणा, छाता, जल के साथ अगर सत्तू का दान किया जाए तो पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। वैशाख अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में अगर पूजा की जाए तो अच्छा माना जाता है। तो हम आपको वैशाख अमावस्या की पूजा का मुहूर्त बता रहे हैं।
वैशाख अमावस्या का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार वैशाख अमावस्या तिथि इस बार 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 50 मिनट से आंरभ हो चुकी है और इस तिथि का समापन इसी दिन रात में 1 बजकर 1 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में वैशाख अमावस्या आज ही मनाई जा रही है।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 10 मिनट से लेकर 4 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। वही दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 1 बजकर 2 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त प्राप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान पुण्य करना बेहद ही शुभ रहेगा। आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही समस्याओं का समाधान हो जाता है।
वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय
वैशाख अमावस्या की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं और पितरों से सुख शांति के लिए प्रार्थना करें। इस उपाय को करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा आज के दिन पशु पक्षियों को दाना जरूर डालें। इस दिन गाय को रोटी या कौओं को भोजन जरूर कराएं। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।