Vaishno Devi Yatra: जम्मू-कश्मीर में लगातार खराब मौसम और भूस्खलन की घटनाओं के कारण माता वैष्णो देवी यात्रा शनिवार को लगातार 12वें दिन भी स्थगित रही. भारी बारिश से त्रिकुटा पहाड़ियों में जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं और सड़कों के अवरुद्ध होने से यात्रा मार्ग श्रद्धालुओं के लिए असुरक्षित हो गया है.
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मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
बताते चले कि, श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 7 सितंबर तक के लिए कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया है. हालांकि विभाग ने 8 और 9 सितंबर के लिए आंधी, बिजली और तूफान का येलो अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी ने तीर्थयात्रा की बहाली को लेकर प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है.
हादसे में 34 लोगों की मौत, कई घायल
26 अगस्त को हुई भीषण बारिश के बाद अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी भूस्खलन हुआ था. यह हादसा दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब कटड़ा से मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे मार्ग के लगभग आधे हिस्से में चट्टानें और मलबा अचानक गिर पड़ा. इस त्रासदी में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया.
उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति गठित की। इस समिति की अध्यक्षता जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा कर रहे हैं, जबकि इसमें जम्मू के संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक भी शामिल हैं। समिति को दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का कार्य सौंपा गया है। इसमें कारणों की पहचान, किसी भी चूक की पड़ताल, बचाव-राहत उपायों की समीक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का सुझाव देना शामिल है.
भद्रवाह में बादल फटने से बिगड़े हालात
इस बीच डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से हालात गंभीर हो गए. बेजा गांव में आई आपदा ने कई महत्वपूर्ण सड़कें बहा दीं, जिससे बुटला, बेजा, श्रेखी और कट्यारा गांव मुख्य शहर से कट गए। हालात को देखते हुए सेना की 4 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने राहत कार्य संभाला और 18 घंटे से भी कम समय में एक अस्थायी लकड़ी का पैदल पुल बनाकर प्रभावित गांवों का संपर्क बहाल किया.
