Varanasi flood: वाराणसी में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। गंगा और वरुणा नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से जिले के कई गांव और वार्ड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर पहुँच गया है और इस वजह से 6,631 लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों तथा सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके हैं। अब तक 53 गांव और 24 वार्ड बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किए गए हैं।
नदियों के उफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त
वरुणा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे न सिर्फ तटवर्ती क्षेत्र बल्कि कई रिहायशी इलाके भी बाढ़ के प्रभाव में आ गए हैं। खासतौर पर वरुणा के किनारे बसे जनपद और ग्रामीण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं। सामनेघाट, अस्सी, नगवा, गंगोत्री विहार जैसे गंगा के तटवर्ती इलाके पानी से घिरे हुए हैं, वहीं वरुणा के नक्की घाट, सलारपुर, कोनिया और हुकूलगंज क्षेत्रों में भी पानी फैल चुका है।
प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
वाराणसी जिला प्रशासन ने इस आपदा की गंभीरता को देखते हुए राहत कार्यों को तेज कर दिया है। अब तक 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं, जहाँ विस्थापित परिवारों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सहायता दी जा रही है। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें भी राहत कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं।
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फसल नुकसान और आर्थिक प्रभाव
बाढ़ के कारण जिले में करीब 7,037 किसान प्रभावित हुए हैं और लगभग 1,898 हेक्टेयर खेत पानी में डूब गए हैं। यह किसानों के लिए बड़ा आर्थिक संकट बन गया है। प्रशासन की कोशिश है कि जलस्तर में कमी आने के साथ फसलों को बचाने के उपाय किए जाएं और प्रभावित किसानों को जल्द राहत मिले।
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वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना
मौजूदा रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है और इसका असर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। प्रशासन लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है और आने वाले समय में और अधिक राहत शिविर स्थापित करने की योजना बना रहा है ताकि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मिल सके।