Vat Purnima 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है। जो कि हर माह में एक बार पड़ती है, अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा या वट पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन स्नान दान और व्रत पूजा का विधान होता है।
मान्यता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। इसके अलावा वट पूर्णिमा के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत रखती हैं मान्यता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस बार वट पूर्णिमा कल यानी 10 जून दिन मंगलवार को मनाई जाएगी, तो हम आपको पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

वट पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार वट पूर्णिमा की तिथि 10 जून दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 11 जून दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं उदया तिथि के अनुसार वट पूर्णिमा का व्रत और पूजा 10 जून दिन मंगलवार को ही की जाएगी।
पूजा की सरल विधि
आपको बता दें कि वट पूर्णिमा के दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा भाव से वट वृक्ष की पूजा करती हैं। वट पूर्णिमा व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। इसके बाद सोलह श्रृंगार करें, क्योंकि यह व्रत सौभाग्य से जुड़ा है। कच्चे सूत को वृक्ष के तने पर लपेटते हुए 7, 11, 21, 51 या 108 बार परिक्रमा करें।
व्रत कथा का पाठ
प्रत्येक परिक्रमा करते समय पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद फल, मिठाई और भीगे चने का भोग लगाएं। परिक्रमा और पूजा के बाद, वट वृक्ष के नीचे बैठकर या घर आकर वट सावित्री व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
इसके बाद किसी गरीब सुहागिन महिला को श्रद्धा अनुसार सुहाग की सामग्री, फल और दान दक्षिणा दें। माना जाता है कि इस विधि से पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

