Vat Savitri Vrat 2025: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है, लेकिन वट सावित्री व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि परिवार की सुख समृद्धि और पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है। यह व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन महिलाएं उपवास आदि रखकर पूजा पाठ करती है।
मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजा करने से शादीशुदा जीवन का तनाव खत्म हो जाता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है, तो हम आपको वट सावित्री व्रत की तारीख और पूजा का शुभ समय बता रहे हैं।

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वट सावित्री व्रत की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 27 मई दिन मंगलवार की सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वट सावित्री व्रत की पूजा दोपहर में करना अधिक शुभ होता है इसलिए यह व्रत 26 मई दिन सोमवार को किया जाएगा।
पूजा का सबसे शुभ समय
आपको बता दें कि वट सावित्री व्रत के दिन सुबह 9 बजकर 4 मिनट से लेकर 10 बजकर 44 मिनट तक पूजा का पहला शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। इसके बाद सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके अलावा आखिरी मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से 3 बजकर 42 मिनट तक रहने वाला है। इन मुहूर्तों में पूजा पाठ करना बेहद पुण्यदायी होगा।

इन गलतियों को करने से बचें
वट सावित्री व्रत वाले दिन भूलकर भी वाद विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस दिन किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए। साथ ही घर में मांस, मदिरा और लहसुन प्याज का इस्तेमाल भी न करें न ही इनका सेवन करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन करने से पाप लगता है। वट सावित्री के दिन घर आए गरीब को खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए। बल्कि उन्हें कुछ न कुछ दान जरूर करें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

