Vice President Election:भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद खाली हो गया है। उनके इस्तीफे के साथ ही अब मध्यावधि चुनाव की स्थिति बन गई है। भारत के संवैधानिक ढांचे में उपराष्ट्रपति के इस्तीफे या पद रिक्त होने की स्थिति में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रावधान नहीं है। ऐसे में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अस्थायी रूप से सदन की अध्यक्षता करेंगे।
धनखड़ बने कार्यकाल के पहले इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ देश के तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया है। इससे पहले, वी.वी. गिरि और आर. वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। वी.वी. गिरि के बाद गोपाल स्वरूप पाठक, और वेंकटरमन के बाद शंकर दयाल शर्मा उपराष्ट्रपति नियुक्त हुए थे।
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चुनाव आयोग जल्द करेगा घोषणा
अब जबकि पद रिक्त हो चुका है, चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। उपराष्ट्रपति का चुनाव एक परोक्ष मतदान प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और मनोनीत सदस्य भाग लेते हैं।
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उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान प्रणाली द्वारा होता है और इसके लिए एकल संक्रमणीय वोट प्रणाली (Single Transferable Vote System) का उपयोग किया जाता है। इसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं, लेकिन विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होती। मतदाता उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में अंक देते हैं, और जो उम्मीदवार निर्धारित कोटा प्राप्त करता है, वही विजेता घोषित होता है।
नए उपराष्ट्रपति का कार्यकाल
नए उपराष्ट्रपति के चयन के बाद, वे पांच वर्षों तक इस पद पर बने रहेंगे, जब तक कि वे स्वयं इस्तीफा न दें, अपात्र न हो जाएं या फिर उन्हें संसद द्वारा हटाया न जाए। उपराष्ट्रपति न केवल राष्ट्रपति के अनुपस्थिति में कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे राज्यसभा के सभापति के तौर पर भी कार्य करते हैं।

