Congress MP Shashi Tharoor: देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाला चुनाव अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। हाल ही में जगदीप धनखड़ द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव आयोग ने इसकी अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की है। इस चुनाव को लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का बयान सामने आया है, जिसने राजनीतिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी है।
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शशि थरूर का स्पष्ट बयान
जब मीडिया ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से सवाल किया कि इस बार देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन हो सकता है, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “जिसे भी सत्तारूढ़ एनडीए उम्मीदवार बनाएगा, वही देश का अगला उपराष्ट्रपति बनेगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि संसद के बहुमत का आंकड़ा एनडीए के पक्ष में है, इसलिए इस चुनाव में परिणाम पहले से लगभग तय माने जा सकते हैं।
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राज्य विधानसभाएं नहीं लेतीं चुनाव में भाग, इसलिए परिणाम स्पष्ट: थरूर
थरूर ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही मतदान करते हैं, जबकि राज्य विधानसभाएं इसमें भाग नहीं लेतीं। ऐसे में एनडीए को संसद में जो बहुमत प्राप्त है, वही उनके उम्मीदवार को स्पष्ट लाभ देगा।
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थरूर के बयान से कांग्रेस में असहजता
थरूर के इस सीधे और व्यावहारिक बयान से कांग्रेस पार्टी में असहजता महसूस की जा रही है। विपक्षी एकता को लेकर जहाँ एक ओर रणनीति बनाई जा रही है, वहीं शशि थरूर द्वारा पहले से ही हार मान लेना राजनीतिक रूप से निराशावादी माना जा रहा है। हालांकि, कुछ नेताओं ने उनके बयान को यथार्थवादी दृष्टिकोण भी करार दिया है।
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क्या विपक्ष उतारेगा कोई साझा उम्मीदवार?
भले ही एनडीए की जीत थरूर को लगभग तय नजर आ रही हो, लेकिन विपक्षी दलों की ओर से अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस चुनाव में सांकेतिक उम्मीदवार उतारते हैं या कोई साझा चेहरा सामने लाकर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश करते हैं।
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राजनीतिक गणित तय करेगा परिणाम
चूंकि उपराष्ट्रपति चुनाव पूरी तरह से संसद सदस्यों के वोटों पर आधारित होता है, ऐसे में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास पहले से ही बहुमत की स्थिति मजबूत है। इसी कारण थरूर का बयान राजनीतिक गणित पर आधारित माना जा रहा है।

