Vice President Of India: एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि सीपी राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता मत प्राप्त हुए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता मत मिले। इस प्रकार 152 मतों के अंतर से राधाकृष्णन की जीत सुनिश्चित हुई।
एनडीए का प्रारंभिक पलड़ा भारी
बताते चले कि, सीपी राधाकृष्णन के नामांकन के बाद से ही एनडीए का खेमा मजबूत माना जा रहा था। उनके चुने जाने के साथ ही वे राज्यसभा के सभापति पद की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। एनडीए के भीतर खुशी का माहौल है और उनकी जीत को पार्टी की राजनीतिक मजबूती का प्रतीक माना जा रहा है।
विपक्ष ने नतीजे स्वीकार किए
आपको बता दे कि, विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने नतीजों के बाद कहा, “हमारे महान गणराज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अटूट विश्वास के साथ मैं विनम्रतापूर्वक परिणाम स्वीकार करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि, “हालांकि परिणाम मेरे पक्ष में नहीं हैं, लेकिन वैचारिक संघर्ष और भी जोरदार तरीके से जारी रहेगा।”
उपरोक्त स्वागत और बधाई समारोह
बीजेपी के सभी सांसद मंगलवार रात करीब 9:30 बजे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के आवास पर मिलेंगे और नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे और राधाकृष्णन को बधाई देंगे।
INDIA गठबंधन का प्रदर्शन
INDIA गठबंधन ने दावा किया था कि उनके उम्मीदवार को लगभग 315 वोट मिलेंगे। हालांकि नतीजे बताते हैं कि लगभग 14-15 विपक्षी सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। इससे संकेत मिलता है कि विपक्ष की एकजुटता में कुछ मतभेद रहे, लेकिन कुल मिलाकर उनका प्रदर्शन सम्मानजनक माना गया।
विपक्ष का मत प्रतिशत और मजबूती
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस चुनाव में विपक्ष पूरी तरह से एकजुट रहा। साझा उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को लगभग 40% वोट मिले, जबकि 2022 में विपक्ष को केवल 26% वोट प्राप्त हुए थे। उन्होंने इसे विपक्ष के आधार की मजबूती के रूप में देखा।
राजनीतिक और नैतिक विश्लेषण
जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा की अंकगणितीय जीत वास्तव में एक नैतिक और राजनीतिक चुनौती भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विचारधारा की लड़ाई अभी भी पूरी मजबूती से जारी है और इसे आगे बढ़ाया जाएगा। विपक्ष इस अनुभव को भविष्य की रणनीति के लिए सीख के रूप में ले रहा है।
