Vinayak Chaturthi 2025:विनायक चतुर्थी का पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और यह विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस वर्ष 2025 में विनायक चतुर्थी 3 मार्च, सोमवार को पड़ी है। यह दिन विशेष रूप से गणेश जी के व्रत और पूजा के लिए उपयुक्त है।
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विनायक चतुर्थी के दिन पूजा विधि

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान गणेश को पीले फूल, दुर्वा और मोदक का भोग अर्पित किया जाता है। साथ ही, गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए “अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति” का पाठ करना चाहिए। यह स्तुति भगवान गणेश की महिमा और उनके अद्भुत गुणों का वर्णन करती है। पाठ के बाद गणेश जी की आरती भी करनी चाहिए। इस प्रकार पूजा और स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति का महत्व
विनायक चतुर्थी पर “अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष” का पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इस स्तुति में भगवान गणेश की महिमा का वर्णन किया गया है और यह उनके सभी विघ्नों को नष्ट करने की शक्ति को दर्शाता है। इसका नियमित पाठ करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां और बाधाएं दूर होती हैं।

यह स्तुति भगवान गणेश के साक्षात ब्रह्म होने का वर्णन करती है और उनके द्वारा संसार के सभी जीवों को सुख और समृद्धि प्रदान करने की शक्ति का बखान करती है। साथ ही, यह स्तुति उन सभी भक्तों के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है जो भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।
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गणपति स्तुति का गान

विनायक चतुर्थी पर विशेष रूप से “गणपति जगवंदन” का भी गान किया जाता है। यह एक भक्ति गीत है, जिसमें भगवान गणेश के गुणों का बखान किया गया है। इस गीत में गणेश जी को ‘शंकर सुवन’, ‘सिद्धि सदन’, ‘गजवदन’ आदि विशेषणों से पुकारा जाता है। यह गान भक्तों को गणेश जी के प्रति श्रद्धा और प्रेम से भर देता है। साथ ही, यह गीत यह भी कहता है कि जो भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें सच्चे मन से उनका पूजन और स्तुति करनी चाहिए।