Vinayak chaturthi 2025: सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन गणपति को समर्पित विनायक चतुर्थी बेहद ही खास मानी जाती है। इस दिन भक्त प्रभु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष़ में आने वाली चतुर्थी को विनायकी या विनायक चतुर्थी व्रत के नाम से जाना जाता है जो कि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से गणपति की असीम कृपा बरसती है और दुखों का नाश हो जाता है। ऐसे में हम आपको विनायक चतुर्थी की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

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ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी 30 मई को है। चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी का व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है लेकिन इस चतुर्थी में चंद्र देव की पूजा करने की मनाही होती है।
गणेश पूजा का मुहूर्त
आपको बता दें कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 29 मई को सुबह 11 बजकर 18 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि अगले दिन यानी 30 मई को रात 9 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी के उपाय
कारोबार में तरक्की
व्यापार में वृद्धि के लिए विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते वक्त 5 हल्दी की गांठ चढ़ाएं और श्री गणाधिपतये नम: इस मंत्र का जाप करें। ऐसा लगातार 10 दिनों तक रने से कारोबार में सफलता हासिल होती है और बाधाएं दूर हो जाएंगी।
संतान प्राप्ति
विनायक चतुर्थी के दिन 21 गुड़ की गोलियां बनाकर इन्हें दूर्वा के साथ भगवान श्री गणेश को अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और संतान सुख का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

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