Pashupatinath Temple Army: पड़ोसी देश नेपाल इन दिनों भीषण राजनीतिक उथल-पुथल और जनविरोध की आग में जल रहा है। Gen-Z आंदोलन के चलते केपी शर्मा ओली की सरकार गिर चुकी है और राजधानी काठमांडू से लेकर गांव-शहरों तक अराजकता का माहौल बना हुआ है। इस बीच भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं।
सेना की निगरानी में आया पशुपतिनाथ मंदिर
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के पवित्र पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की कोशिश की। हालांकि समय रहते सेना की त्वरित कार्रवाई ने इस प्रयास को नाकाम कर दिया। इसके बाद से ही मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना ने संभाल ली है। मंदिर के प्रवेश द्वार और आसपास के गौशाला चौक इलाके में भी सेना तैनात है।
भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया
गुरुवार को काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास की मदद से 38 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित नेपाल से बाहर निकाला गया। ये सभी नागरिक बीरगंज-रक्सौल सीमा के जरिए बिहार में प्रवेश किए। इनमें से 22 आंध्र प्रदेश और 16 कर्नाटक के निवासी हैं। भारत लौटते ही उन्हें बिहार प्रशासन ने अपने संरक्षण में लिया और उनके घर वापसी की व्यवस्था की जा रही है।देश लौटने वाले सभी नागरिकों ने भारतीय दूतावास और सुरक्षा एजेंसियों का आभार जताया है। इससे पहले भी दर्जनों भारतीय पश्चिम बंगाल सरकार और भारत सरकार के सहयोग से शिलिगुड़ी के पानीटंकी सीमा के रास्ते भारत लौट चुके हैं।
ओली सरकार का पतन और सेना का नियंत्रण
नेपाल में सोमवार को शुरू हुए Gen-Z आंदोलन ने तेजी से विकराल रूप ले लिया। भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ शुरू हुई इस मुहिम ने संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास और मंत्रियों के घरों तक को निशाना बनाया। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों और नेताओं के घरों में आग लगा दी।स्थिति को बिगड़ते देख प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद देश की सत्ता अस्थायी रूप से सेना के नियंत्रण में आ गई है। Gen-Z आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर प्रस्तावित किया है।
भारत सरकार की नजर
नेपाल में फैली इस राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा पर भारत सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। नेपाल से सटी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है और वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
नेपाल में जारी अशांति और जनआक्रोश के बीच पशुपतिनाथ मंदिर की सुरक्षा सेना के हवाले कर दी गई है, जबकि भारतीय दूतावास ने 38 भारतीयों को सुरक्षित भारत पहुंचाने में सफलता पाई है। नेपाल की स्थिति फिलहाल स्थिर नहीं है, लेकिन भारत सरकार की सक्रियता से वहां फंसे नागरिकों को राहत मिल रही है। भविष्य में हालात और बिगड़ने की आशंका के चलते भारत-नेपाल सीमाओं पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
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