Vodafone Idea: देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज द्वारा एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू) बकाये पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज से छूट की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के लिए आगे चलकर कठिनाइयाँ और भी बढ़ सकती हैं।
कंपनी ने दी थी चेतावनी
आपको बता दे कि, वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया था कि यदि उसे इस बकाये पर छूट नहीं दी जाती, तो वह मार्च 2026 के बाद अपना व्यवसाय जारी नहीं रख पाएगी। कंपनी ने कहा था कि उसके पास इस समय 18,000 करोड़ रुपये की एजीआर किस्त चुकाने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है, जो उसे वित्त वर्ष 2025-26 में दूरसंचार विभाग को देनी है।
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने राहत देने से किया इनकार
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने की। उन्होंने सोमवार को अपने फैसले में वोडाफोन आइडिया सहित अन्य कंपनियों को राहत देने से इनकार कर दिया। एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज पर इस फैसले का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन वोडाफोन आइडिया की स्थिति पर इससे नकारात्मक असर पड़ सकता है।
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में बड़ी गिरावट
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। कंपनी के शेयर 8 प्रतिशत से अधिक गिरकर 6.72 रुपये पर पहुंच गए। यह गिरावट वोडाफोन आइडिया के लिए गंभीर संकट का संकेत है, जो पहले ही वित्तीय परेशानियों से जूझ रही है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी नई याचिका
पिछले हफ्ते वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की थी, जिसमें उसने सरकार से एजीआर बकाये पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज से छूट देने की मांग की थी। कंपनी का कहना था कि वह बैंकों से लोन लेने के प्रयास में है, लेकिन बकाये के कारण बैंकों ने लोन देने से इनकार कर दिया है।
वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिति में गहरी समस्या
वोडाफोन आइडिया रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद से लगातार वित्तीय संकट का सामना कर रही है। केंद्र सरकार ने कंपनी को राहत देने के लिए उसके कुछ बकाये को इक्विटी में बदलकर अपनी हिस्सेदारी 49 प्रतिशत तक बढ़ा ली है। हालांकि, कंपनी पर सरकार का कुल बकाया 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जिसमें 1.19 लाख करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया और 83,400 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया शामिल है।
वोडाफोन आइडिया का भविष्य अनिश्चित
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वोडाफोन आइडिया के लिए मुश्किलें और भी बढ़ा सकता है। कंपनी को वित्तीय सहायता मिलने की संभावना कम होती जा रही है, और उसकी आर्थिक स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। यदि कंपनी को इस समय राहत नहीं मिलती है, तो मार्च 2026 तक उसका संचालन जारी रखना मुश्किल हो सकता है।
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