Vodafone Idea Debt Details: दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) का कुल कर्ज दिसंबर 2024 तक सालाना 7 प्रतिशत बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें से सबसे बड़ा हिस्सा — लगभग 2.14 लाख करोड़ रुपये — सरकार को स्पेक्ट्रम से जुड़े बकाए का है। इसके अलावा बैंकों से लिया गया कर्ज 2,300 करोड़ रुपये के आसपास है।
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कर्ज में उछाल की वजह सरकारी देनदारियों में बढ़ोतरी
कंपनी ने बुधवार को जारी अपने निवेशक प्रेजेंटेशन में बताया कि कर्ज में हुई यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से वैधानिक सरकारी देनदारियों के कारण हुई है। इससे पहले 30 मार्च को भारत सरकार ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत कर दी थी, जिससे कंपनी की संरचना में बड़ा बदलाव देखने को मिला।
सरकार को मिलेगा स्पेक्ट्रम बकाए के बदले इक्विटी में हिस्सा
वोडाफोन आइडिया ने पहले ही घोषणा की थी कि सरकार उसके स्पेक्ट्रम नीलामी बकाया — ₹36,950 करोड़ — को इक्विटी में बदलेगी। इसका मतलब यह है कि कंपनी के इस बकाए का एक बड़ा हिस्सा अब सरकारी हिस्सेदारी में तब्दील होगा। हालांकि, इस रूपांतरण के बावजूद कंपनी का परिचालन नियंत्रण प्रमोटर्स के पास ही रहेगा।
दूरसंचार मंत्रालय ने दिया शेयर रूपांतरण को हरी झंडी
कंपनी ने बताया कि संचार मंत्रालय ने सितंबर 2021 में घोषित दूरसंचार सुधार पैकेज के तहत 29 मार्च 2025 को एक आदेश जारी कर इस रूपांतरण को मंजूरी दे दी है। यह आदेश कंपनी को 30 मार्च को प्राप्त हुआ, जिससे सरकार को इक्विटी शेयर मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
3,695 करोड़ नए शेयर होंगे ₹10 प्रति शेयर की दर से जारी
वोडाफोन आइडिया ने बताया कि वह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य संबंधित नियामकों की मंजूरी के 30 दिनों के भीतर ₹10 के अंकित मूल्य पर 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगी। कंपनी का कहना है कि सभी आवश्यक अनुमतियाँ मिलने के बाद यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
शेयर बाजार में प्रदर्शन कमजोर, गिरावट का दौर जारी
बुधवार को वोडाफोन आइडिया का शेयर 0.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹7.12 पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में इसमें करीब 1.93 प्रतिशत, छह महीने में 22.52 प्रतिशत और एक साल में 44.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण ₹50,620 करोड़ है।
कंपनी को तीसरी तिमाही में फिर से हुआ बड़ा घाटा
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में कंपनी को ₹6,609 करोड़ का समेकित शुद्ध घाटा हुआ है। हालांकि, यह घाटा पिछले वर्ष की समान तिमाही के ₹6,986 करोड़ के घाटे से 5.40 प्रतिशत कम है। इससे साफ है कि घाटा कम हुआ है, लेकिन वित्तीय संकट अब भी गंभीर बना हुआ है।
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