Zelensky Shocking Statement: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक बड़ा और चौंकाने वाला बयान दिया है। जेलेंस्की ने अमेरिकी वेबसाइट एक्सियोस (Axios) को दिए इंटरव्यू में कहा है कि जैसे ही युद्ध समाप्त होता है, वे राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद सत्ता में बने रहना नहीं है, बल्कि देश में शांति बहाल करना और लोगों का भविष्य सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य युद्ध का अंत है, न कि कुर्सी से चिपके रहना। अगर युद्ध खत्म होता है, तो मैं तुरंत पद छोड़ सकता हूं।”
शांति स्थापित करने को तैयार हर प्रयास
जेलेंस्की ने आगे कहा कि वह यूक्रेन में शांति लाने के लिए हर संभव कोशिश करते रहेंगे। उनके अनुसार, यह संघर्ष केवल एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह यूक्रेन की जनता की स्वतंत्रता और अस्तित्व की लड़ाई भी है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन और उसके नागरिकों को भविष्य तभी मिलेगा, जब युद्ध समाप्त होगा और रूस के हमलों को रोक दिया जाएगा।
रूस बताता है जेलेंस्की को “अवैध राष्ट्रपति”
रूस की ओर से जेलेंस्की को लेकर लगातार यह दावा किया जाता रहा है कि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसलिए वह अब राष्ट्रपति नहीं हैं। हालांकि, यूक्रेन में रूसी हमले के कारण लगाए गए मार्शल लॉ के चलते वहां नए चुनाव नहीं हो सकते। इस स्थिति को देखते हुए यूक्रेन की संसद वेरखोव्ना राडा ने फरवरी 2025 में एक प्रस्ताव पारित कर जेलेंस्की के कार्यकाल को युद्ध खत्म होने तक बढ़ा दिया।
संयुक्त राष्ट्र में रूस पर बरसे जेलेंस्की
कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा था कि अब समय आ गया है जब रूस को रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूरोप में युद्ध का दायरा बढ़ाना चाहते हैं। जेलेंस्की ने चेताया कि दुनिया आज इतिहास की सबसे खतरनाक हथियारों की दौड़ में फंसी हुई है और इसका अंत सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि निर्णायक फैसलों से होगा।
भारत के साथ मजबूत रिश्तों पर जोर
अपने इंटरव्यू में जेलेंस्की ने भारत को लेकर भी अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत अधिकतर मामलों में यूक्रेन के साथ खड़ा है और युद्ध को बढ़ावा नहीं दे रहा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ऊर्जा क्षेत्र में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन उनका समाधान निकाला जा सकता है। जेलेंस्की ने कहा, “भारत हमारे साथ है और यूरोप को भी भारत के साथ मजबूत साझेदारी बनानी चाहिए।”
जेलेंस्की का यह बयान न सिर्फ यूक्रेन की राजनीति के लिहाज से अहम है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि वह व्यक्तिगत सत्ता से ऊपर उठकर अपने देश के भविष्य की चिंता कर रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत निकट है, और क्या जेलेंस्की अपने वादे के अनुसार वाकई पद से हटेंगे।
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