Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।वहीं चुनाव आयोग ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट आज बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।इससे पहले चुनाव आयोग ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया जिसमें ईसीआई ने कहा कि वह कानूनी तरीके से अपना काम कर रहा है।
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SIR से जुड़ी याचिकाओं पर SC में सुनवाई
चुनाव आयोग ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रवाधान नहीं है कि ड्राफ्ट लिस्ट से हटे नामों की लिस्ट सार्वजनिक की जाए। साथ ही,कहा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता लिस्ट को अधिकार की तरह नहीं मांग सकते।आयोग ने कहा कि हर योग्य मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं और इस दिशा में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। आयोग ने अपने हलफनामे में बताया कि एसआईआर का पहला चरण पूरा हो चुका है और 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है।
प्रवासी मजदूरों के लिए हिंदी में जारी किए विज्ञापन
हलफनामे में कहा कि,राजनीतिक दलों को समय-समय पर छूटे हुए मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई गई,ताकि समय रहते नाम जोड़े जा सकें।प्रवासी मजदूरों के लिए 246 अखबारों में हिंदी में विज्ञापन जारी किए गए और ऑनलॉइन व ऑफलॉइन दोनों माध्यमों से फॉर्म भरने की सुविधा दी गई।
दस्तावेजों की वैधता पर सवाल उठा चुका SC
इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीमकोर्ट ने SIR मुद्दे पर आधार कार्ड,राशन कार्ड और वोटर आईडी को मतदाता की पहचान के लिए मान्य करने का सुझाव दिया था।इस दौरान जब कोर्ट ने दस्तावेजों की वैधता पर सवाल उठाया तो चुनाव आयोग ने जवाब में यह कहा,केवल आधार कार्ड,राशन कार्ड या पहले जारी किया गया मतदाता पहचान पत्र के जरिए किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जा सकता।
SIR मुद्दे पर विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर
आपको बताते चलें कि,बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग के SIR प्रक्रिया पर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और सरकार पर हमलावर है।सोमवार को भी संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन में शामिल तमाम दलों के नेताओं ने संसद से चुनाव आयोग तक पैदल मार्च किया लेकिन इस दौरान पुलिस ने बिना इजाजत के मार्च कर रहे विपक्षी सांसदों को हिरासत में लेकर बस में भरकर संसद मार्ग थाने ले गई।विपक्ष की मांग पर चुनाव आयोग ने केवल 30 विपक्षी सांसदों को मिलने के लिए बुलाया लेकिन विपक्ष 200 सांसदों के साथ चुनाव आयोग से मिलने की जिद पर अड़ा रहा।
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