ECI SIR Campaign: चुनाव से पहले वोटर लिस्ट होगी ‘क्लीन’, देशव्यापी SIR अभियान की शुरुआत, चुनावी राज्यों को प्राथमिकता

देश की चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक बड़ा कदम उठाया है। चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूचियों को त्रुटि रहित बनाने के लिए देशव्यापी विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान की शुरुआत की जा रही है।

Chandan Das
SIR

ECI SIR Campaign: चुनाव आयोग अगले हफ्ते से पूरे देश में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) शुरू करेगा। इसकी शुरुआत 10-15 राज्यों से होगी। इस रिविजन की प्राथमिकता उन राज्यों को दी जाएगी, जहां अगले एक साल में विधानसभा चुनाव होना है। इनमें असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं, जिनमें 2026 में चुनाव होना निर्धारित है।

चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि SIR उन राज्यों में फिलहाल नहीं होगी, जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे राज्यों में निचले स्तर के कर्मचारी चुनावी काम में व्यस्त होंगे, इसलिए वे SIR में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इन राज्यों में स्थानीय चुनाव के बाद SIR लागू की जाएगी।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक

चुनाव आयोग ने SIR लागू करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए हाल ही में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ दो बैठकें की हैं। कई राज्यों ने अपनी पिछली SIR के बाद तैयार की गई वोटर लिस्ट अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी है। दिल्ली की अंतिम SIR 2008 में हुई,उत्तराखंड में SIR 2006 में बिहार में हाल ही में वोटर वैरिफिकेशन किया गया और फाइनल डेटा 1 अक्टूबर को जारी किया गया।

SIR का अंतिम डेटा कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगा, जैसे बिहार में 2003 की वोटर लिस्ट को SIR के लिए इस्तेमाल किया गया था। अधिकांश राज्यों में अंतिम SIR 2002 और 2004 के बीच हुई थी।

SIR का उद्देश्य

SIR का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और दोहरे मतदाताओं को हटाना है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी मतदाता भारतीय नागरिक हैं। विशेष ध्यान उन राज्यों पर होगा, जहां बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की संख्या अधिक हो सकती है।SIR से विदेशी अवैध प्रवासियों की जांच की जाएगी और उन्हें मतदाता सूची से बाहर किया जाएगा।

प्रक्रिया और आंकड़े

बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) हर मतदाता के घर जाकर प्री-फील्ड फॉर्म पहुंचाएंगे।इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक सभी 18 वर्ष के मतदाता शामिल होंगे।देशभर में कुल मतदाता संख्या 99 करोड़ 10 लाख है।बिहार में 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। SIR के दौरान अनुमानित 21 करोड़ मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने होंगे।

शहरों और राज्यों में बदलाव

SIR की जरूरत शहरीकरण और माइग्रेशन के कारण महसूस हुई है। उदाहरण के लिए: आंध्र प्रदेश- 2003-04 में 5.5 करोड़ मतदाता, अब 6.6 करोड़। उत्तर प्रदेश- 2003 में 11.5 करोड़, अब 15.9 करोड़। दिल्ली- 2008 में 1.1 करोड़, अब 1.5 करोड़।चुनाव आयोग का कहना है कि SIR के जरिए मतदाता सूची को आधुनिक और विश्वसनीय बनाया जाएगा, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों।

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