Voter adhikar Yatra : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए। इस अवसर पर स्टालिन ने कहा कि बिहार चुनाव केवल एक राजनीतिक मुकाबला नहीं, बल्कि लोकतंत्र और जनता के अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी दल एकजुट हैं। एमके स्टालिन ने पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बीच गहरी मित्रता का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों नेता एक-दूसरे के सच्चे साथी थे। उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव देश के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं, क्योंकि वे कभी भाजपा से डरे नहीं। उनके बेटे तेजस्वी यादव भी उसी साहस और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
स्टालिन ने भाजपा की राजनीति को ‘विश्वासघाती’ बताते हुए कहा कि चुनाव से पहले भाजपा जीत रोकने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव आयोग को अपने नियंत्रण में ले लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में 65 लाख लोगों को वोटर सूची से हटाना लोकतंत्र के लिए खतरा है और इसे आतंकवाद से भी खतरनाक बताया। स्टालिन ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके शब्दों में कभी डर नहीं होता। उनका कहना था कि राहुल गांधी मंच के लिए या राजनीति के लिए नहीं, बल्कि सच्चाई और देश के लिए बोलते हैं। उन्होंने कहा कि सही और निष्पक्ष मतदान हुआ तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ का उद्देश्य लोकतंत्र को सशक्त बनाना
इस यात्रा का उद्देश्य बिहार के मतदाताओं को जागरूक करना और उनका वोट अधिकार सुरक्षित करना बताया गया। एमके स्टालिन ने जोर देकर कहा कि इस चुनाव में जनता की आवाज ही सबसे महत्वपूर्ण होगी और सभी विपक्षी दल मिलकर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार चुनाव में विपक्ष की जीत सुनिश्चित है।
एकजुटता से बिहार चुनाव में हासिल होगी सफलता
स्टालिन ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी नेताओं और जनता को एकजुट होना होगा। उन्होंने बिहार के मतदाताओं से अपील की कि वे लोकतंत्र और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मतदान करें। उनका मानना है कि इस एकजुटता से ही भाजपा की ‘विश्वासघाती राजनीति’ को परास्त किया जा सकता है और बिहार में लोकतंत्र की जीत होगी।
